लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के बीच मुस्लिम आरक्षण को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दिए एक बयान को लेकर सियासी बवाल मच गया है। मध्यप्रदेश के धार जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालू यादव के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी ने कहा जो नेता चारा घोटाले में जेल से बेल पर बाहर आए है वह कहते हैं कि मुस्लिमों को आरक्षण मिलना चाहिए, ना सिर्फ आरक्षण बल्कि मुस्लिमों को पूरा आरक्षण मिलना चाहिए।
मोदी असली ओबीसी नहीं
मोदी के बयान के बाद अब फिर लालू यादव ने एक पोस्ट कर पीएम मोदी को जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि ये लोग संविधान को मानते ही नहीं, अगर संविधान को मानते तो नफ़रत फैलाने वाली विभाजनकारी भाषा का प्रयोग नहीं करते। उन्होंने कहा कि ये हमसे बड़े और असली ओबीसी नहीं ना है? हमसे ज्यादा गरीबों, पिछड़ों और दलितों की इनको समझ नहीं है। ये लोग बस एक-दूसरे को लड़ाते हैं।
तीसरे चरण में 3 बजे तक 46.69 प्रतिशत हुआ मतदान, सबसे ज्यादा Araria में हो रही वोटिंग
पीएम को आरक्षण की समझ नहीं
लालू यादव ने आरक्षण का मतलब समझाते हुए कहा है कि आरक्षण का आधार धर्म नहीं बल्कि सामाजिक पिछड़ापन होता है। पीएम को इतनी सी भी समझ नहीं है। मंडल कमीशन हमने लागू करवाया है। क्या नरेंद्र मोदी ने कभी मंडल कमीशन और उसकी सिफ़ारिशें पढ़ी है? मंडल कमीशन में 3500 से अधिक पिछड़ी जातियों को आरक्षण मिलता है जिसमें अन्य धर्मों की भी सैंकड़ों जातियों को आरक्षण मिलता है।
‘कोशिश कर लें…धर्म के नाम पर देश की पहचान मिटने नहीं देगा मोदी’, पीएम ने INDIA को दी खुली चुनोती
लालू यादव ने कहा कि बाबा साहेब के संविधान और जननायक कर्पूरी ठाकुर जी द्वारा दिए गए आरक्षण को खत्म करने की संघियों और भाजपाइयों की पुरानी ख्वाहिश और साजिश रही है। सन् 2000 में एनडीए की भाजपाई सरकार ने तो बाजाब्ता “संविधान समीक्षा आयोग” ही गठित कर दिया था।