लोकसभा चुनाव 2024 के रणक्षेत्र में उतरने से पहले सभी राजनीतिक दल इस वक्त लड़ाई के रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। चुनावी लड़ाई के लिए दो बड़ा खेमा दिखा रहा है। पहला है भाजपा के नेतृत्त्व वाला NDA गठबंधन और दूसरा है कई विपक्षी दलों का नया नवेला I.N.D.I.A गठबंधन है। लेकिन कुछ राजनीतिक दल ऐसे हैं जो दोनों में से किसी खेमा का हिस्सा नहीं है। एक ऐसा ही दल बिहार में भी है। मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी जो फिलहाल किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं है। अब ऐसी चर्चाएँ तेज हैं कि मुकेश सहनी राजद एक कई बड़े नेताओं के संपर्क में हैं और I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल होने को लेकर बातचीत कर रहे हैं। लगातर केंद्र सरकार के खिलाफ तल्ख होते मुकेश सहनी के तेवर भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो भाजपा को इसका नुकसान भुगतना पड़ सकता है।
BJP से सहनी की तल्खी
दरअसल वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी पिछले कुछ समय से संकल्प यात्रा पर निकले हुए हैं। उनके इस यात्रा में उद्देश्य निषादों और मल्लाहों को एकजुट करना है। वो सरकारी नौकरियों में निषादों और मल्लाहों आरक्षण देने की मांग पर अड़े हुए हैं। वोअलागत इस बात को कहते रहते है कि जो भी सरकार उनके इस मांग को पूरा करेगी उसक ही समर्थन करेंगे। इसको लेकर इनदिनों वो केंद्र सरकार पर भी जमकर हमलवार हैं।
मुकेश सहनी साफ लहजे में कहा कि निषादों को पांच किलो अनाज नहीं चाहिए, अब हमें अपने बच्चों की नौकरी के लिए आरक्षण चाहिए। अपनी यात्रा के दौरान सहनी लोगों से अपील कर रहे हैं कि आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं और गठबंधन नहीं तो वोट नहीं। सहनी ने कहा है कि उनकी पार्टी उसी गठबंधन से हाथ मिलाएगी जो उनकी जाति को नौकरी में आरक्षण प्रदान करेगा। इसे ये तो साफ है कि फिलहाल मुकेश सहनी भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए में शामिल होने के मूड में बिलकुल भी नहीं है।
I.N.D.I.A गठबंधन की तरफ झुकाव
भाजपा से बढ़ती तल्खियों के बीच मुकेश सहनी के I.N.D.I.A गठबंधन की तरफ झुकाव की खबरे तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि भाजपा निषाद को नौकरी में आरक्षण की मांग नहीं करने की शर्त के साथ मुकेश सहनी को एनडीए का हिस्सा बनाना चाहती है। लेकिन मुकेश सहनी इसके लिए तैयार नहीं हैं। बताया जा रहा कि इनसब के बीच मुकेश सहनी राजद के कुछ बड़े नेताओं को संपर्क में हैं। ऐसी जानकारी मिली है कि मुकेश सहनी I.N.D.I.A गठबंधन में शमील होने की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। यही ये सही सबिओत हुआ तो भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
सहनी के दांव से भुगातेगी BJP
यदि मुकेश सहनी के पार्टी का I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्सा बनतो है तो इसका नुकसान भाजपा को भुगतना पड़ेगा। दरअसल मुकेश सहनी के आने से I.N.D.I.A गठबंधन ओर आशिक मजबूत होगा। निषाद ओर माल्लाह वोटरों का एक बहुत बड़ा हिस्सा भी INDIA गठबंधन की तरफ शिफ्ट होगा। जिससे सीधे तौर पर नुकसान भाजपा को ही होगा। भाजपा भी इस बात को भली-भांति समझती है यही कारण है कि सहनी समाज से आने वाले हरि सहनी को भजपा ने बिहार विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष भी बनाया है।