पूर्व विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात यानी की 28 मार्च को मौत हो गई। वहीं इसके मौत को लेकर उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक नेताओं के बीच जुबानी जंग भी छिड़ी है। बता दें कि, 19 साल पहले यानी की 2005 से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। इस बाहुबली की हत्या की प्लानिंग भी कई बार की गई थी। जिसमें से एक बार बिहार का ही एक माफिया इसके हत्या के प्लानिंग में लगा था।
मुख्तार अंसारी को साल 2015 में जेल से पेशी पर ले जाने के दौरान जान से मारने की साजिश रची गई थी। बम से उड़ाकर मारने की प्लानिंग थी। इस काम के लिए बिहार के एक गुंडे से संपर्क किया गया। इसका नाम था लंबू शर्मा, जिसको 6 करोड़ रुपए की सुपारी दी गई थी। बम बनाने में माहिर लंबू को 50 लाख रुपए एडवांस मिलने थे और वह इसी काम को अंजाम देने के लिए बिहार की जेल से भाग निकला था। इसके बाद पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी को बम से उड़ाने का प्लान था।
मुख्तार की हत्या के लिए लंबू शर्मा का जेल से बाहर निकलना जरूरी था। इसके लिए उसने खतरनाक प्लान बनाया। आरा जेल से पेशी के लिए जब लंबू को कोर्ट में लाया गया, तो उसे फरार कराने के लिए मानव बम का इस्तेमाल किया था। बम लेकर आई महिला नगीना देवी ने विस्फोट कर दिया। इसमें सिपाही अमित कुमार शहीद हो गए और नगीना की भी मौत हो गई। बम के धमाके की वजह से 15 लोग जख्मी हो गए थे। इस बीच मची अफरा-तफरी का फायदा उठाकर लंबू शर्मा फरार हो गया था। यह संभवतः पहला मामला था, जब किसी अपराधी ने पेशी के दौरान फरार होने के लिए मानव बम का देश में इस्तेमाल किया हो।
हालांकि, कुछ महीने बाद लंबू शर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि वो यूपी के माफिया मुख्तार अंसारी को मारने के लिए जेल से फरार हुआ था। इस तरह से मुख्तार की हत्या का प्लान कभी अंजाम तक नहीं पहुंच सका।