भाजपा और एनडीए के खिलाफ बना I.N.D.I.A. कमजोर पड़ जाएगा, इसकी आशंका शुरू से रही है। हालांकि I.N.D.I.A. में शामिल दल इस आशंका को गैर-वाजिब बताते हैं। लेकिन गाहे-बगाहे इस पर चर्चा शुरू हो जाती है क्योंकि I.N.D.I.A. के दल अलग अलग वक्त में अलग अलग बातें करते हैं। मुंबई की बैठक तक ये दल संयुक्त साझा कार्यक्रम की बात करते थे। पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव आया तो सब अपनी अपनी राह पर निकल पड़े। इन दलों में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड सभी शामिल हैं। हालात तो यहां तक आ गए हैं कि I.N.D.I.A. के बनने की सोच को बढ़ाने वाले नीतीश कुमार अब गठबंधन की मौजूदा स्थिति पर उखड़े से दिख रहे हैं। नीतीश कुमार तो यहां तक कह गए कि कांग्रेस को अभी फुर्सत ही नहीं है।
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विधानसभा चुनाव के प्रेशर में भूले लोकसभा चुनाव
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस को गठबंधन की चिंता नहीं है। अभी वे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद गठबंधन के बारे में आगे बात करेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन के नेता कांग्रेस को बढ़ाना चाहते हैं। लेकिन अभी कांग्रेस के नेता विधानसभा चुनाव में ही व्यस्त हैं। उन्हें गठबंधन के लिए समय नहीं मिल पा रहा है। अब विधानसभा चुनाव पूरे होने के बाद ही इस पर बात होगी।
एक तरफ नीतीश कुमार गठबंधन में आगे बात नहीं करने का दोष कांग्रेस पर थोप रहे हें। तो दूसरी ओर लेफ्ट के नेता गठबंधन की अलग बात कर रहे हैं। CPI के महासचिव डी. राजा ने एक मीडिया संस्थान से बातचीत में “सभी राजनीतिक दल अपने हिसाब से चुनाव लड़ना चाहते हैं। क्षेत्रीय दल विधानसभा में अपनी मौजूदगी के आधार पर लोकसभा की सीटें मांग रहे हैं। यही कारण है कि सीट शेयरिंग की प्रक्रिया में देरी हो रही है।”
जबकि अखिलेश यादव ने तो लोकसभा चुनाव का प्लान बी भी तैयार कर लिया है। अखिलेश ने ऐलान किया है कि गठबंधन हुआ तो वे सहयोगी दलों के लिए यूपी की 15 सीटें छोड़ेंगे यानि 65 सीटों पर समाजवादी पार्टी लड़ेगी। गठबंधन नहीं बना तो सभी 80 सीटों पर वे चुनाव लड़ेंगे।