भाजपा और जदयू के अलगाव को एक साल से अधिक का वक्त बीत चुका है। इस बीच हुए तीन उपचुनावों में जदयू और राजद के उम्मीदवार दो सीटों पर भाजपा से मात खा चुके हैं। इसमें गोपालगंजी विधानसभा सीट तो भाजपा ने अपनी ही बचाई थी। लेकिन कुढ़नी में हुए उपचुनाव में भाजपा ने जदयू के उम्मीदवार को हराया था। तब भी भाजपा की जीत के कारणों में AIMIM का तीसरे मोर्चे के रूप में उतरना एक कारण बताया गया था। अब नीतीश कुमार 2024 में यह दुहराना नहीं चाहते हैं। उनका कहना है AIMIM भाजपा की B टीम है। यह पार्टी मुसलमान वोटों के बिखराव का काम करती है। इसको लेकर शनिवार, 7 अक्टूबर को सीएम ने बहुत कुछ कहा।
ओवैसी पर बरसे, मुसलमानों को आश्वासन
जदयू के मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि वो अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए हमेशा काम करेंगे। अल्पसंख्यकों के विकास के लिए जो भी योजनाएं जरुरी होंगी, उन पर बिहार में काम होता रहेगा। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि भाजपा के साथ रहते हुए भी वे अस्पसंख्यकों के लिए बगैर किसी दबाव के काम करते रहे हैं। वहीं एआईएमआईएम पर भड़कते हुए नीतीश ने सावधान अल्पसंख्यक नेताओं को सावधान किया। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की बी टीम है और आगामी चुनावों में वोट काटने के लिए जगह-जगह अपने उम्मीदवार उतारेगी। लेकिन इनके मंसूबों पूरा नहीं होने देना है।
सबसे बड़ा वोट बैंक हैं मुसलमान
वैसे तो मुसलमानों को बिहार ने अपने समीकरण में साधे रखा है। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम की एंट्री ने खेल बिगाड़ दिया। एआईएमआईएम ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की। इसके बाद गोपालगंज विधानसभा के उपचुनाव में एआईएमआईएम के उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या राजद उम्मीदवार के हार के अंतर से अधिक रही। साथ ही अभी जातीय गणना में भी मुसलमानों की आबादी 17 प्रतिशत से अधिक है। ऐसे में नीतीश कुमार इस वोट बैंकसे उम्मीद लगा रहे हैं।