एनडीए छोड़े नीतीश कुमार को एक साल से ज्यादा का वक्त हो गया। लेकिन एनडीए के नेता हैं कि उन्हें छोड़ने को तैयार नहीं। एक दिन कोई यह कह देता है कि नीतीश कुमार नाक भी रगड़ लेंगे तो उनकी वापसी नहीं होगी तो दूसरे ही दिन कोई दूसरा उन्हें निमंत्रण देने लगता है। अभी ताजा मामला बिहार में राजनीतिक टकराव की सुपरहिट चाचा-भतीजे की जोड़ी चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच टकराहट की नई वजह नीतीश कुमार बन सकते हैं। क्योंकि नीतीश कुमार के कारण एनडीए से बाहर किए गए चिराग ने अपनी वापसी तो कर ली है लेकिन नीतीश की एनडीए में वापसी के सख्त खिलाफ हैं। तो दूसरी ओर पशुपति पारस का कहना है कि अगर नीतीश कुमार एनडीए में आएंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे।
चिराग नीतीश की अदावत पुरानी
बिहार के सीएम नीतीश कुमार और चिराग पासवान की अदावत पुरानी है। यह तब से चल रही है, जब चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों के नेता रामविलास पासवान जीवित थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में पासवान की पार्टी एनडीए में थी और नीतीश कुमार खिलाफ थे। 2015 के विधानसभा चुनाव में भी यही स्थिति रही। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में आ चुके नीतीश कुमार को चिराग पासवान ने बर्दाश्त कर लिया। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग पासवान ने नीतीश कुमार से रास्ते अलग कर लिए। चिराग ने हर उस सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े किए, जहां जदयू चुनाव लड़ी।
पारस से नीतीश की नजदीकी
एक तरफ 2020 के चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को 42 सीटों पर सिमट जाने की कहानी लिखने में बड़ा रोल निभाया। तो चुनाव के नतीजों के कुछ दिन बाद ही चिराग पासवान को पार्टी और परिवार में बड़ा विद्रोह झेलना पड़ा। चिराग पासवान की पार्टी के पांच सांसद पशुपति पारस के साथ चले गए और चिराग अकेले पड़ गए। बताया जाता है कि इस अलगाव को नीतीश कुमार का समर्थन हासिल था। मौजूदा स्थिति में चिराग और उनके चाचा के बीच दिलों की दूरी कम नहीं हुई है। हालांकि दोनों ही अब वापस एनडीए का हिस्सा बन गए हैं। अभी पिछले कुछ महीनों से चिराग और चाचा पारस के बीच हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर खींचतान चल रही है। अब पारस के नीतीश कुमार के एनडीए में आने पर स्वागत करने का बयान देने पर भी विवाद की आशंका है।
पारस ने कहा – समय बलवान होता है
केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने नीतीश कुमार को लेकर कहा है कि व्यक्ति बलवान नहीं होता है, समय बलवान होता है। एनडीए में नीतीश कुमार के फिर से आने की संभावनाओं पर उठे सवालों का जवाब देते हुए पशुपति पारस ने कहा कि समय का इंतजार कीजिए आगे जो होगा वह अच्छा ही होगा। अगर नीतीश कुमार एनडीए में आएंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे।