नीतीश कुमार आठवीं बार सीएम बनने के बाद पूरे फॉर्म में आ गए हैं। अपने हर विरोधी को खांटी मगहिया-हिंदी में जवाब देने की उनकी अदा एक बार फिर दिखने लगी है। बीते दिनों राजनीतिक बयानों पर शांत रहे नीतीश ने अचानक पॉलिटिकल एक्सीलरेटर दबा दिया है। शुकि्रवार को उन्होंने मीडिया से बात करते हुए अपने हर विरोधी को जवाब दिया। लपेटे में आए आरसीपी-मोदी तो उनको भी खूब सुनाया।
‘अपनी जगह पर बैठाए, तब ये किया’
नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए आरसीपी सिंह को खूब लताड़ा। पहली बार उनके लिए सार्वजनिक तौर पर उनको नहीं उसको कह कर संबोधित किया। नीतीश ने कहा कि 2019 में सरकार बनी एनडीए की तो हमने पहले ही डिक्लेयर कर दिया कि हम मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे। भाजपा ने अपने पांच सांसदों को मंत्री बना दिया और हमको एक ही दे रहे थे। कहां का न्याय था। लेकिन उसको (आरसीपी को) अपना जगह दे दिए। आ गया मंत्री बनने का बात करने। जब तय कर ही लिया था तो क्या कहते। हम ही अध्यक्ष बनाए थे। मंत्री बन गया तो बोल दिए कि अध्यक्ष पद छोड़ो अब ललन जी रहेंगे। उसके बाद जो हुआ वो तो सबको पता ही है।
‘इज्जत दिए तो मिला धोखा’
नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसको हम बहुत इज्जत दिए। पटना में एमपी को घर तो मिलता नहीं है। संजय गांधी को बोल दिए कि अपना वाला दे दो। लेकिन बदले में तो धोखा ही मिला।
‘हम पर बोलेंगे तो पार्टी में पूछ शुरू होगा’
सुशील मोदी ने कहा है कि 12 साल हम डिप्टी सीएम रहे तो जेड प्लस सिक्योरिटी कभी नहीं मिला। इन आरोपों पर नीतीश कुमार ने कहा कि वो जो चाहें हैं, हमारे साथ रहते हुए उनको मिला है। 2020 में चुनाव जीतने के बाद तो हम चाहते थे कि वो यहीं बिहार में रहें। लेकिन उन्हीं का पार्टी उनको दिल्ली भेज दिया। हमको लगा वहीं कुछ बनाएगा तो वो भी नहीं बनाया। अब हम पर बोलेंगे तो पार्टी में पूछ शुरू हो जाएगा।