लोकसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है और ऐसे में दरधा नदी के किनारे बसा बिहार का जहानाबाद लोकसभा सीट हमेशा की तरह एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है. बात अगर एनडीए की बात करें तो वर्तमान में यह सीट जदयू के पास है. यह सीट 2024 के चुनाव में भी जदयू के पास ही रहेगी। इस सीट पर चितरंजन कुमार उर्फ़ चिंटू भैया ने अपनी दावेदारी पेश की है. जहानाबाद , अरवल, कुर्था,घोषी, मखदुमपुर, अतरी विधान सभा वाली जहानाबाद लोकसभा सीट पर हमेशा आमने-सामने की लड़ाई होती रही है. इस बार भी यह देखने को मिल सकती है. लेकिन बात करें एनडीए की तो यहां से चितरंजन कुमार उर्फ़ चिंटू भैया खूब जोर आजमाईश कर रहे हैं. चितरंजन ने साल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में जहानाबाद के प्रत्याशी सह पूर्व सांसद डॉ अरुण कुमार के चुनाव प्रभारी के रूप में काम किया. वे वजीरगंज विधान सभा से चुनाव भी लड़ चुके हैं.
चितरंजन कुमार की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीति से जुड़ी रही है। उनके दादा सियाराम सिंह जी सन 1962 ई . में अतरी विधान सभा से स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ चुके हैं, जिसके संस्थपक सी राजगोपालाचारी थे. जनता के लिए काम करने का जुनून उन्हें अपने पूर्वजों से मिला है और अब एनडीए के लिए चुनाव लड़ने की मंशा रखते हैं. इसका मकसद वे जहानाबाद के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने और भाजपा की नीतियों के अनुरूप विकसित भारत के मुहिम से जोड़ना है.
चितरंजन कुमार आम लोगों के साथ मिलकर कार्य करते रहे हैं. चाहे वो विकास कार्य हों या किसी का कोई कार्य, जहानाबाद में आज एक ही इन्सान दिखता है, जिसमें लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सिपाही की छवि देखते हैं.