महागठबंधन में भले ही सीटों का बंटवारा हो गया है लेकिन बिहार के पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र को लेकर पप्पू यादव जिद पकड़ कर बैठे हुए हैं। पूर्णिया सीट को लेकर पप्पू यादव अकेले मोर्चा खोले हुए हैं। पप्पू यादव किसी की नहीं सुन रहे हैं। वह महागठबंधन की मीटिंग में भी शामिल होने नहीं पहुंच रहे हैं। पप्पू यादव 4 अप्रैल को पूर्णिया लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करेंगे। हालांकि उन्होंने पहले 2 अप्रैल को नोमिनेशन का एलान किया था।
उनकी जिद से महागठबंधन में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राजद और कांग्रेस की तरफ से उन्हें नसीहत मिल रही है कि सीटों पर फैसला हो चुका है, और वह अब महागठबंधन धर्म का पालन करें। कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि अगर पप्पू यादव को कांग्रेस पार्टी में आस्था है। राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी में आस्था है। तो निश्चित तौर पर उन्हें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से बात करनी चाहिए।
लाल यादव से भी उन्होंने आग्रह किया की सीट पर पुनर्विचार होना चाहिए। तो यह अच्छी बात है। लेकिन राजनीति में अंत में जो निर्णय आलाकमान का होता है। राजेश राठौड़ ने कहा कि हर दल के सिपाही को उसके आलाकमान के फैसले को मानना पड़ता है। अगर वह ऐसा नहीं करते है वो उस दल के सिपाही नहीं है।
वहीं राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सीट शेयरिंग का फार्मूला इंडिया गठबंधन में तय हो चुका है। इसकी घोषणा हो चुकी है। सभी चीजों पर सभी दल के शीर्ष नेतृत्व ने मिलजुल कर फैसला लिया है। अब आगे क्या फैसला होता है। यह शीर्ष नेतृत्व का विषय है। लेकिन जो भी फैसले होने हैं वह हो चुके हैं।
बता दें कि महागठबंधन में सीट बंटवारे के तहत पूर्णिया सीट राष्ट्रीय जनता दल के हिस्से में आई है। जहां से लालू यादव ने रुपौली की विधायक बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया है। वह भी एक-दो दिनों में नामांकन करेंगी। उनका दावा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी उनके नोमिनेशन में शामिल होंगे। उन्होंने पप्पू यादव से भी अपील की है कि जिद छोड़कर उनको आशीर्वाद दें। उन्होंने कहा है कि यह सिर्फ पूर्णिया की नहीं बल्कि पूरे देश की लड़ाई है।