आइजीआइएमएस (IGIMS) में इमरजेंसी मरीजों को अब बेड की कमी नहीं होगी। अस्पताल प्रशासन ने निर्णय लिया है कि इमरजेंसी में बेड खाली नहीं रहने पर मरीजों को बार्ड ब्लॉक में भर्ती कराया जाएगा। इसको लेकर आइजीआइएमएस निदेशक ने चिकित्सकों के लिए एक गाइडलाइन जारी कर दी है। यह नयी व्यवस्था लागू कर दी गयी है।
अधिकारियों के मुताबिक हर वार्ड ब्लॉक में ऐसे कई वार्ड के बेड खाली रहते हैं, जहां मरीज नहीं भर्ती होते है। इन सभी खाली बेड को इमरजेंसी मरीजों के लिए रिजर्व रखा जायेगा। वहीं, इमरजेंसी में भर्ती मरीज अगर वार्ड ब्लॉक में जाते हैं, तो संबंधित विभाग के डॉक्टर की जिम्मेदारी होगी कि उस मरीज का सारा इलाज प्राथमिकता के आधार पर हो।
हर दिन दो सौ से अधिक आते हैं मरीज, 10-15 मरीज हो पाते थे भर्ती
अस्पताल में कुल 1200 बेड है और 32 विभाग है। जहां हर दिन लगभग 3500 नये और पुराने मरीज पहुंचते हैं। वहीं, इमरजेंसी की बात करें, तो रोज 15-20 मरीजों काे भर्ती किया जाता है, लेकिन भर्ती के लिए 200 से अधिक मरीज हर दिन पहुंचते है। जिन्हें बेड नहीं रहने के कारण अस्पताल से लौटा दिया जाता है और उन्हें दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है। अस्पताल प्रशासन के इस निर्णय के बाद मरीजों को सहूलियत होगी और उनका इलाज अस्पताल में ही संभव हो पायेगा।
वर्तमान में इमरजेंसी का हाल, आठ बेड वीआइपी के लिए रिजर्व
इमरजेंसी में कुल 40 बेड है, जिसमें हर दिन 15 से 20 मरीजों को भर्ती किया जाता है। जिसमें यलो जोन में 16, एबी वार्ड में 16, टी जोन में आठ और ट्रोमा वार्ड में पांच मरीजों का रजिस्ट्रेशन होता है। वहीं, टी जोन के आठ बेड की जिम्मेदारी एक बड़े पदाधिकारी की है, जहां वीआइपी मरीजों को भर्ती कराया जाता है। यह जोन हर दिन भरा रहता है।
आइसीयू का हाल
आइसीयू की कुल संख्या 60 है। जिसमें एमआइसीयू में 15 बेड, एसआइसीयू में आठ बेड, सीसीएम आइसीयू में नौ, इआइसीयू में 14 बेड और रेड जोन आइसीयू में 13 बेड हैं। बेड कम रहने के कारण गंभीर से गंभीर मरीजों को भी समय पर आइसीयू नहीं मिल पाता है और परिजन परेशान रहते हैं।
ओटी की संख्या
अस्पताल में कंबाइंड ओडी आठ, यूरो और गैस्ट्रो चार, इएनटी एक, सीटीवीएस एक, गाइनी एक, इमरजेंसी ओटी दो, स्टेट कैंसर सेंटर दो बेड का ओटी है। यानि सभी विभाग के पास अपना ओटी नहीं है। इस कारण से मरीजों को ऑपरेशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।