सारण शराबकांड को लेकर बिहार में सियासी जंग छिड़ी हुई है। विपक्ष में बैठी भाजपा जहरीली शराब से हुए मौत को नरसंहार बता रही है। भाजपा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। भाजपा सदन के बाहर से लेकर सदन अंदर तक सरकार विरोध कर रही है। वही सरकार उलटे भाजपा शासित राज्यों में जहरीली शराब से मौत के आंकड़ों को बता कर बचने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो साफ कह रहे कि जो शराब पिएगा वो मरेगा। अब इस पुरे मामले में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एंट्री मार ली है। उन्होंने सारण शराबकांड को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित भाजपा और राजद तीनों को जिम्मेदार ठहराया है।
नीतीश को शराब माफिया बताने वाले तेजस्वी के बदले सुर, ‘जो पिएगा वो मरेगा’ वाली बात का किया समर्थन
‘नीतीश के जिद्द से हुई बिहार की दुर्दशा‘
जनसुराज पदयात्रा को पर निकले प्रशांत किशोर ने सारण शराबकांड को बेहद दुखद बताया है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार की जिद्द के कारण बिहार की दुर्दशा हो रही है। जहरीली शराब से हुई मौत की वजह सरकार गलत नीतियां है। बिहार के गांव-गांव में शराब बिक रहा है। शराबबंदी को लेकर सरकार के दावे बिलकुल गलत है। प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के दौरान मैं जिस भी ब्लॉक में गया हूँ वहां किसी ना किसी की जहरीली शराब से मौत हुई ही है। उन्होंने कहा कि मैंने शराबबंदी का सबसे पहले विरोध किया था।
शराबबंदी पर स्टैंड क्लियर करें राजनीतिक दल
प्रशांत किशोर ने शराबबंदी को लेकर भाजपा और राजद के स्टैंड पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आज भाजपा विपक्ष में है तो शराबबंदी के खिलाफ हंगामा कर रही है। जबतक भाजपा नीतीश कुमार के साथ सत्ता में रही तबतक शराबबंदी का समर्थन करती रही। भाजपा को जवाब देना चाहिए की जब सत्ता में थे तब शराबबंदी का विरोध क्यों नहीं किया? उसी तरह राजद भी जब विपक्ष में थी तब शराबबंदी को फेल बताती थी और हंगामा करती थी। खुद तेजस्वी यदाव भी शराबबंदी के विरोध में खुब बोलते थे। लेकिन अब सत्ता में आते ही उन्हें सब ठीक लग रहा है। इसलिए बिहार की सभी राजनीतिक पार्टियों को शराबबंदी को लेकर अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए।