बिहार में महाराजगंज लोकसभा सीट के पूर्व सांसद बाहुबली प्रभुनाथ सिंह को 1 सितंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। प्रभुनाथ सिंह पहले से ही हजारीबाग जेल में बंद हैं। इस बीच 1995 के दोहरे हत्याकांड में प्रभुनाथ सिंह को सजा के साथ दोनों मृ’तकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए देने का भी आदेश सुनाया है। जबकि घायल को 5 लाख रुपए देने का आदेश दिया गया था। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह को दो माह का वक्त दिया था, जिसकी मियाद 31 अक्टूबर को पूरी हो गई। लेकिन प्रभुनाथ सिंह द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रकम अदायगी नहीं हुई। बल्कि एक आवेदन कोर्ट में दिया गया। कोर्ट ने इस आवेदन में मेरिट नहीं माना है। अब खतरा यह है कि प्रभुनाथ सिंह की सम्पत्ति जब्त हो सकती है।
जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। प्रभुनाथ सिंह ने आवेदन में कहा है कि वे चूंकि लंबे वक्त से जेल में हैं। इस बीच उनके रिश्तेदार भी उनसे दूर हैं। इस कारण वे पैसे की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। साथ ही प्रभुनाथ सिंह ने यह भी आवेदन में दिया है कि उन्हें जमानत दी जाए ताकि वे अपनी प्रॉपर्टी डिस्पोज कर रकम अदा करें।
प्रभुनाथ सिंह के इस आवेदन पर कोर्ट ने कहा कि इसमें मेरिट नहीं है। सजा सुनाते वक्त भी उन्हें पता था कि उन्हें इस रकम की व्यवस्था करनी है। तब उन्होंने कुछ क्यों नहीं कहा। जबकि पीड़ित पक्ष की ओर से यह बताया गया है कि उनके पास करोड़ों की संपत्ति है। इसी पर कोर्ट ने कहा कि ऑर्डर में स्पष्ट है कि रकम अदायगी नहीं होने पर लैंड रेवेन्यू के तहत प्रॉपर्टी अटैच करने की प्रोसीडिंग शुरू होगी।
1995 के इस डबल म’र्डर केस में प्रभुनाथ सिंह को निचली अदालत से रिहाई मिल गई थी। पटना हाईकोर्ट ने भी उस रिहाई को सही ठहराया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया। तीन जजों की बेंच ने मशरक में राजेंद्र राय और दारोगा राय की ह’त्या के मामले में दोषी करार दिया। इस पर 1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया। साथ ही कोर्ट ने दोनों मृ’तकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए देने का भी आदेश सुनाया। जबकि घायल को 5 लाख रुपए देने का आदेश दिया गया। यह मुआवजा प्रभुनाथ सिंह के साथ राज्य को भी देना है।