बिहार में शराबबंदी को लेकर राजनीतिक दलों में दो फाड़ दिखने लगा है। एक पक्ष है जो सीएम नीतीश कुमार के साथ है। यह पक्ष हर हाल में शराब को बंद रखने का पक्षधर है। कानून को कड़ा करने की बात करता है। तो दूसरी ओर वो लोग खड़े हैं जो बिहार में शराबबंदी समाप्त करवाना चाहते हैं। इसके पीछे वे अपना तर्क भी दे रहे हैं। इन्हीं में शामिल हो गए हैं कभी नीतीश कुमार के करीबी रहे प्रशांत किशोर।
बापू भी शराबबंदी के खिलाफ?
एक ओर सीएम नीतीश कुमार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम लेकर शराब की बुराइयां गिनाते हैं। तो अब प्रशांत किशोर बापू का नाम लेकर ही शराबबंदी को खत्म करने की बात कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि जो लोग महात्मा गांधी की दुहाई देते हैं शायद उन्हें पता नहीं है कि बापू शराबबंदी के पक्षधर कभी नहीं थे। उन्होंने कहा कि शराबबंदी गलत है और बिहार में लागू शराबबंदी को खत्म कर देना चाहिए।
शराबबंदी से बिहार को हो रहा नुकसान : प्रशांत
प्रशांत किशोर ने एक बार फिर यही बात कही है कि शराबबंदी से बिहार को काफी नुकसान हो रहा है। शराबबंदी से बिहार और बिहार के लोगों को कोई फायदा नहीं है, इसका सिर्फ और सिर्फ नुकसान ही उठाना पड़ रहा है। ऐसा कोई उदाहरण नहीं है कि किसी देश और राज्य में शराबबंदी लागू हुई हो तो वहां की सामाजिक और राजनीतिक उत्थान हुआ हो। जो लोग इस बात का दावा करते हैं कि महात्मा गांधी शराबबंदी के पक्षधर थे तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि बापू ने इसके बारे में कब और कहां कहा है। प्रशांत किशोर ने कहा कि शराब पीना बुरी बात है लेकिन इसे रोकने के लिए सामाजिक स्तर पर कोशिश होनी चाहिए न कि कानून बनाकर उसे लागू कर देना चाहिए।