जन सुराज अभियान के प्रमुख प्रशांत किशोर द्वारा 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर भितिहरवा से प्रारंभ किए गए पदयात्रा के 1 माह पूरे होने पर जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान शिक्षाविद प्रो. आनन्द कुमार शामिल हुए। इस दौरान प्रो. आनंद ने कहा कि राजनीति में कुछ लोग जनाक्रोश को सत्ता के लिए अवसर मात्र के तौर पर देखते हैं। उनके पास न नीति है और न ही नीयत और जल्दबाजी में प्रदेश की राजनीति में छा जाना चाहते थे। लेकिन प्रशांत ऐसे नहीं हैं। उन्होंने जन सुराज के माध्यम से गांव-गांव जाकर लोगों के मन को टटोलने की जो नीति अपनाई है, उससे बेहतर विकल्प सामने सामने आएगा।
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हड़बड़ी में नहीं हैं प्रशांत : प्रो. आनंद
प्रो. आनंद कुमार ने कहा कि देश-प्रदेश की राजनीति में प्रशांत किशोर के अभियान को लोग एक नई उम्मीद की तरह देख रहे हैं। बिहार में राजनीतिक जागृति है यहां की युवा बदलाव चाहते हैं, लेकिन यह बदलाव जल्दबाजी से नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है, यहां जेपी-लोहिया-कर्पूरी जैसे समाजवादी चिंतक हुए जिन्होंने देश को नई दिशा दी। ऐसे में बिहार जैसे प्रांत में राजनीति की अस्मिता अभी भी जीवित है। उन्होंने कहा कि जिस तरह की सभा का आयोजन बिहार में हो रहे हैं ऐसी परिस्थितियां बगल के राज्य उत्तर प्रदेश में नहीं हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम लिए बगैर कहा कि वहां कोई बुलडोजर बाबा है जो हर चीज पर बुलडोजर चला देता है, लोकतंत्र का गला घोट देता है।
AAP के संस्थापक सदस्य रहे हैं प्रो. आनंद
प्रो. आनंद कुमार आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे हैं। लेकिन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ खराब संबंधों के बाद उन्होंने किनारा कर लिया था।