लंबी छुट्टी मनाकर लौटे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक एक्शन में आ गए है। सर्दी और शीतलहर के कारण डीएम द्वारा स्कूलों को बंद किए जाने को के के पाठक ने अवैध करार दिया है के के पाठक ने पत्र जारी कर सभी जिलाधिकारी को फटकार लगाई है उन्होंने कहा है कि बिहार में कैसी सर्दी या शीतलहर चल रही है जो सिर्फ स्कूलों पर ही गिर रही है, कोचिंग संस्थानों पर नहीं। अगर इतनी सर्दी और शीतलहर है तो सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें और व्यावसायिक संस्थान कैसे चल रहे हैं।
‘स्कूल में छुट्टी देने से पहले अनुमति लेना जरुरी’
केके पाठक ने पत्र लिखकर कहा है कि जब प्रशासन कानून की कोई धारा को लागू करते है तो यह ख्याल रहना चाहिए कि इसके तहत पारित आदेश न्यायिक पैमाने पर खरा उतरे। ये भी उल्लेखनीय है कि “Judicial order must stand the muster of equity.” यानी कि न्यायिक आदेश समान परिस्थिति में सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए। पाठक ने सारे कमिश्नर को कहा है कि वे जिला प्रशासन को ये कहा जाए कि जब वे सर्दी या शीतलहर के चलते कोई आदेश निकालते हैं, तो वह पूरे जिले पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए। इस प्रकार का आदेश निकालते समय कृपया एकरूपता और समरूपता को ध्यान में रखा जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले दिनों आपके क्षेत्र के अन्तर्गत जहां भी इस प्रकार का आदेश निकाला गया है, उसे वापस लिया जाए। जहां तक सरकारी विद्यालयों का सवाल है, शिक्षा विभाग ने इन विद्यालयों की समयावधि 9 AM से 5 PM तय कर रखी है. इस समयावधि को बदलने के संबध में कोई भी आदेश निकालने के पहले शिक्षा विभाग की पहले से अनुमति जरूर प्राप्त कर ली जाए। केके पाठक ने कहा है कि बात-बात पर विद्यालयों को बंद रखने की परम्परा पर रोक लगनी चाहिए।