छपरा. सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने मंगलवार को महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर उन्हें याद किया। इस दौरान शैलेंद्र प्रताप सिंह ने महाराणा के शौर्य का वर्णन करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप एक ऐसे योद्धा थे जिन्होंने कभी पराधीनता स्वीकार नहीं की। आक्रमणकारियों के खिलाफ आजीवन लड़ते रहे। महाराणा प्रताप की लड़ाई स्वाभिमान की थी। अपने मान-सम्मान से उन्होंने कभी समझौता नहीं किया। उन्हें धन-दौलत की कोई परवाह नहीं थी।
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने महाराणा प्रताप के शौर्य के साथ भामाशाह के समर्पण और उनके घोड़े चेतक के बहादुरी की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भामाशाह जैसे साथियों ने महाराणा प्रताप को कभी नहीं छोड़ा। महाराणा ने भामाशाह जैसे योद्धाओं के साथ भारतीय शौर्य और संघर्ष की दास्तान लिखी है। उनका शौर्य और संघर्ष सदियों तक हर भारतवासियों के लिए प्रेरणादायी रहेगी।
उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने जिस वीरता, स्वाभिमान और त्यागमय जीवन को अपनाया, उसी ने उन्हें एक महान लोकनायक और वीर पुरुष के रूप में सदा-सदा के लिए भारतीय इतिहास में प्रतिष्ठित कर दिया।