छपरा. सारण विकास मंच के कार्यालय में सोमवार को बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती मनाई गई। इस दौरान सारण विकास मंच के के संयोजक श्री शैलेंद्र प्रताप सिंह ने उन्हें याद करते हुए नमन किया। इस दौरान शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह का पूरा जीवन आदर्श है, अनुकरणीय है। उन्होंने पराधीनता कभी स्वीकार ही नहीं। बाबू वीर कुंवर सिंह 80 साल की उम्र में भी अंग्रेजों से लड़े और ब्रिटिश हुकूमत की चूलें हिला दीं।
उन्होंने कहा कि पराधीन भारत को बाबू वीर कुंवर सिंह ने बताया कि जंग जीतने के लिए ढलती उम्र बाधा नहीं बनती, हौसला होना चाहिए। आज के युवाओं के लिए भी राष्ट्र सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। जो सोचें राष्ट्र के लिए सोचें और जो करें उसे राष्ट्र को समर्पित कर दें।
उन्होंने कहा कि 1857 में जब बाबू वीर कुंवर सिंह ने आजादी के लिए लड़ाई का बिगुल फूंका तो उनके साथ सीमित लोग ही थे। लेकिन अपनी सीमित शक्ति के बावजूद उन्होंने हथियार नहीं डाला और अंग्रेजी सरकार को परास्त किया। आज के युवाओं को भी उनसे सीख लेनी चाहिए कि हौसला मौका देखकर नहीं आता, हौसलों से मौके बनाए जाते हैं।
इस अवसर पर धीरज कुमार सिंह, राज कुमार, दिनेश कुमार, नवीन कुमार, पंकज कुमार, अभिषेक यादव आदि मौजूद रहे।