तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति वो खिलाड़ी बन चुके हैं, जिन्हें सफल कहा जा सकता है। दो बार डिप्टी सीएम बन चुके तेजस्वी यादव अभी तक दो बार विधायक भी बन चुके हैं। लेकिन तेजस्वी शुरू से राजनीति को अपना मैदान नहीं मानते थे। वे क्रिकेटर थे और क्रिकेट के लिए अपनी पढ़ाई भी बीच में छोड़ देने का जोखिम उठा चुके हैं। तेजस्वी यादव ने क्रिकेट भी बीच में ही छोड़ दिया और 2015 में चुनावी राजनीति के परमानेंट प्लेयर बन गए। अब उनकी ही तरह एक और क्रिकेटर क्रिकेट को छोड़कर राजनीति की पिच पर बल्लेबाजी करने को आतुर दिख रहा है। तेजस्वी की तरह वो क्रिकेटर भी नेता पुत्र ही है। बात सार्थक रंजन की जो क्रिकेटर हैं और पूर्व सांसद पप्पू यादव व राज्यसभा सांसद रंजीता रंजन के बेटे हैं। सार्थक के क्रिकेट छोड़ राजनीति में आने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन सार्थक की गतिविधियां बता रही हैं, वे राजनीति में एंट्री कभी भी कर सकते हैं।
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पप्पू यादव के पुत्र सार्थक रंजन क्रिकेटर हैं। सार्थक दिल्ली अंडर-19 क्रिकेट टीम के उपकप्तान भी रह चुके हैं। हालांकि क्रिकेट में सार्थक का कॅरियर भी विवादों से अछूता नहीं रहा है। 2018 में सार्थक सुर्खियों में अचानक आ गए जब दिल्ली की टी 20 टीम में उनका चयन हो गया। इस पर विवाद इसलिए हुए क्योंकि उस सीजन में सार्थक ने कोई मैच नहीं खेला था, फिर भी उनका चयन हो गया था। यह अलग बात है कि बाद में चयनकर्ताओं ने सार्थक को टीम से बाहर कर दिया।
खेलने से पहले ही करोड़पति बन गए सार्थक
करोड़पति क्रिकेटर आज की तारीख में असंभव नहीं है। आईपीएल की न्यूनतम श्रेणी में भी चयन हो जाना किसी भी क्रिकेटर को करोड़पति बना देता है। लेकिन सार्थक 2018 में ही बिना आईपीएल खेले करोड़पति बन गए थे। सार्थक ने अभी तक ऑथराइज्ड फॉर्मेट में दिल्ली अंडर 16, दिल्ली अंडर 19, नॉर्थ जोन अंडर 19 के लिए खेल चुके हैं। कुल 8 मैचों में 131 रन बना चुके हैं। नवंबर 2018 में डेब्यू करने वाले सार्थक ने आखिरी मैच भी उसी साल दिसंबर में खेला था।
सुपौल से राजनीति में एंट्री की तैयारी
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सार्थक रंजन सुपौल से राजनीति में एंट्री कर सकते हैं। 27 वर्ष के सार्थक रंजन लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या विधानसभा चुनाव, यह अभी तक तय नहीं है। उन्होंने सुपौल में अपने राजनीतिक अभियान की शुरुआत की है। सुपौल से उनकी मां रंजीता रंजन सांसद रह चुकी हैं। लेकिन यहां से चुनाव हारने के बाद रंजीता रंजन को कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद बना दिया। पप्पू यादव 2014 में आखिरी बार राजद के टिकट पर मधेपुरा से सांसद बने थे। इससे पहले वे पूर्णिया से भी सांसद रह चुके हैं। लेकिन राजद से निकाले जाने के बाद पप्पू यादव संघर्ष ही कर रहे हैं। शायद यही कारण है कि सार्थक ने पिता पप्पू यादव की सीट नहीं, मां रंजीता रंजन की सीट राजनीति के लिए चुनी है। ताकि कांग्रेस से टिकट मिल पाना आसान हो। सार्थक ने दिवाली छठ के अवसर पर सुपौल के अखबारों में शुभकामना संदेश वाला विज्ञापन भी छपवाया। इसी के बाद यह चर्चा चल रही है कि सार्थक राजनीति में एंट्री कर सकते हैं।
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