आरा लोकसभा सीट से CPI(ML) के सुदामा प्रसाद ने जीत दर्ज कर ली है। वहीं दूसरे नंबर पर बीजेपी के आर के सिंह रहे। आरा सीट के लिए सातवें और चरण में 1 जून को मतदान हुआ था।
आरा में 2014 और 2019 में आरके सिंह ने दर्ज की थी जीत
इस सीट पर लड़ाई अगड़ों और पिछड़ों की थी। नौकरशाह रहे आरके सिंह इस सीट से 2014 और 2019 में जीत चुके हैं। वहीं भाकपा माले प्रत्याशी सुदामा प्रसाद 1997 से भोजपुर में सक्रिय हैं, उच्च जाति के जमींदार की हत्या का उन पर केस चला था, पर वे सुप्रीम कोर्ट से बरी हो गए। 2015 में तरारी विधानसभा क्षेत्र से भाकपा-माले के टिकट पर विधायक बने। पार्टी प्रत्याशी सुदामा प्रसाद इस बार आरके सिंह के मुकाबले में खड़े थे। महागठबंधन से भाकपा-माले को तीन सीटें मिली थीं, आरा उसमें से एक था।
1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी वीर कुंवर सिंह की बलिदान धरती यही है। इस सीट से सात विधानसभा क्षेत्र जुड़े हैं। 1977 में शाहबाद सीट का नाम बदलकर आरा किया गया। 1977 और 80 में जनता पार्टी और फिर लोकदल से चंद्रदेव यादव जीते। 1984 में कांग्रेस से बलिराम भगत जीते। 1989 में धुर वामपंथियों के राजनीतिक संगठन इंडियन पीपुल्स फ्रंट के रामेश्वर प्रसाद ने कब्जा जमाया। 1991 में जनता दल से रामलखन सिंह यादव जीते। 1996 में जनता दल से चंद्रदेव प्रसाद वर्मा जीते व 1998 में समता पार्टी से हरिद्वार प्रसाद जीते। 1999 में राजद से राम प्रसाद तो 2004 में राजद से कांति सिंह जीतीं। 2009 में जद से मीना सिंह जीतीं। इसके बाद से दो बार यह सीट भाजपा के आरके सिंह ने जीती।
2019 का जनादेश
इस सीट से कुल 11 उम्मीदवार मैदान में थे। बीजेपी ने मौजूदा सांसद आरके सिंह को टिकट दिया था। सीपीआई (एमएल) से राजू यादव उम्मीदवार थे। यह सीट सीपीआई (एमएल) का गढ़ मानी जाती थी। आरा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार आर.के सिंह जीते थे। आर.के सिंह ने 1,47,285 वोटों से जीत दर्ज की। सिंह को कुल 5,66,480 वोट हासिल हुए थे। वहीं सीपीआई (माले) के उम्मीदवार राजू यादव को 4,19,195 मत प्राप्त हुए थे।
2014 का जनादेश
2014 के चुनाव में राजकुमार सिंह ने आरजेडी के प्रत्याशी श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को हराया। राजकुमार को 391,074 वोट और कुशवाहा को 255,204 वोट मिले थे। सीपीआई के राजू यादव 98,805 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे।