बिहार सरकार के मंत्री पद से तो सुधाकर सिंह ने इस्तीफा दे दिया। सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती है। बात अभी आगे बढ़ेगी। नीतीश कुमार ने तो बेफिक्री से कह दिया कि इस्तीफे से कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन सुधाकर हैं कि सरकार की गले में हड्डी बनकर फंसे रहेंगे। दरअसल, इस्तीफा अंत नहीं शुरुआत है।
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किसानों की समस्या उठाते रहेंगे सुधाकर
दरअसल, इस्तीफा देने के बाद लगा कि बिहार सरकार के मंत्रिमंडल में चल रही खींचतान थम जाएगी। बार बार नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को चुनौती दे रहे सुधाकर सिंह के तेवरों में कमी आएगी। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा। क्योंकि पूर्व मंत्री ने एक बार फिर बिहार सरकार में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि किसानों की समस्या वे उठाते रहेंगे। सड़क पर लड़ेंगे और जरुरत पड़ी तो सदन तक आवाज उठाएंगे। साथ ही यह भी कह दिया कि किसानों की समस्या उठाने पर कुछ लोगों को बुरा लगता है। लेकिन वे रुकने वाले नहीं हैं।
‘Nitish सरकार के अधिकारी-कर्मचारी ही मालिक’
सोमवार को किसानों को संबोधित करते हुए सुधाकर ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग किसानों की समस्या सुनते ही बेचैन हो जाते हैं। सरकार में अधिकारी और कर्मचारी ही मालिक बन बैठे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। लेकिन सरकार में हमलोग ही हैं। जरुरत पड़ी तो किसानों की आवाज को विधानमंडल में उठाता रहूंगा। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार पर सुधाकर सिंह के ये कटाक्ष साफ इशारा कर रहे हैं कि बवाल अभी थमा नहीं है।
किसानों की समस्या पर ही दिया Nitish सरकार से इस्तीफा
सुधाकर सिंह ने Nitish कैबिनेट के कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा किसानों की समस्याओं को लेकर दिया है। सुधाकर सिंह कई बार कह चुके हैं कि अधिकारी भ्रष्ट हैं। लेकिन उनके इस बयान पर सरकार के मुखिया नाराज हो गए। हालांकि उस नाराजगी ने सुधाकर सिंह के तेवर कम नहीं किए। वे लगातार बोलते रहे। हालांकि इसका नतीजा ये हुआ कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। लेकिन इस्तीफे के बाद भी बवाल शांत नहीं हुआ है।