सुप्रीम कोर्ट से बाहुबली सांसद आनंद मोहन को राहत मिल गई है। उनकी रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को जनवरी तक के लिए टाल दिया है। अब इस मामले की सुनवाई जनवरी 2024 में होगी। इस मामले की सुनवाई से पहले ही बिहार सरकार के वकील ने आज की सुनवाई के लिए समय मांगा था। याचिकाकर्ता के वकील ने इस पर आपत्ति भी जताई। आपत्ति पर कोर्ट ने कहा कि वह सर्दियों की छुट्टी के बाद पूरे दिन इस मामले पर सुनवाई होगी।
दरअसल, नीतीश सरकार के नियम बदलने से आनंद मोहन को रिहाई तो मिल गई थी, लेकिन वे कानूनी चक्कर में अभी भी फंसे हैं। सुप्रीम कोर्ट में उनकी रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल हो चुकी है। इस पर शुक्रवार को भी सुनवाई हुई। गोपालगंज के डीएम रहे जी कृष्णैय्या की पत्नी उमा द्वारा यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। जी कृष्णैय्या की हत्या के आरोप में आनंद मोहन को आजीवन कारावास हुई थी। लेकिन इसी साल नीतीश सरकार ने जेल नियमावली में संशोधन किया। इसके बाद आनंद मोहन की समय से पहले रिहाई हो गई। सुप्रीम कोर्ट में इसी रिहाई को गलत बताते हुए याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है।
16 साल जेल में रहे हैं आनंद मोहन
जी कृष्णैया हत्याकांड में आनंद मोहन को उम्र कैद की सजा मिली। बिहार में यह नियम रहा है कि सरकारी सेवकों की हत्या के मामले में सरकार रिहाई नहीं देती है। यह बदलाव नीतीश सरकार में ही लाया गया था और इसी साल नीतीश सरकार ने इस बदलाव को बदल दिया। इसी के बाद जेल मैनुअल में हुए बदलाव के कारण लगभग 16 साल बाद जेल से बाहर आए। 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैय्या की हत्या हुई थी।