बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी का दावा है कि राज्य के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों को बीते तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। नीतीश सरकार चार लाख नियोजित शिक्षकों को दशहरा, दिवाली, छठ जैसे बड़े त्योहारों से पहले वेतन नहीं दे पाई है। इसलिए उन्हें कर्ज लेकर त्योहार मनाना पड़ रहा है या फिर पर्व छोड़ना पड़ा है। वहीं सुशील मोदी ने यह भी कहा कि “एक ओर बिहार सरकार वेतन नहीं दे पा रही है तो दूसरी ओर, छठ से पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बिहार के 72.32 लाख किसानों के खाते में 1607 करोड़ रुपये भेजे हैं।”
सुशील मोदी ने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि “नियोजित शिक्षकों को बीते तीन महीने से वेतन नहीं मिलना अत्यंत दुखद है। नीतीश सरकार के पास सभी नियोजित और नियमित कर्मचारियों को समय पर पूरा वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, इसलिए मुख्यमंत्री ध्यान बंटाने के लिए विशेष दर्जा की मांग तेज कर रहे हैं या केंद्र सरकार पर भेदभाव का अनर्गल आरोप लगाते हैं।” उन्होंने कहा कि “बीपीएससी से चयनित 1.22 लाख शिक्षकों को नियुक्ति-पत्र बांटने के लिए मेगा इवेंट और फोटो सेशन कराना आसान है, लेकिन समय पर उनका वेतन सुनिश्चित करना कठिन है। नीतीश सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति का पहला चरण पूरा कर लिया, लेकिन अब तक इनके वेतन मद की राशि का प्रावधान नहीं किया गया है। “