बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हमेशा ही केंद्र सरकार पर बिहार की अनदेखी करने का आरोप लगाते रहते हैं। लेकिन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मोदी सरकार के एक मंत्री के मुरीद हो गए हैं। ये मंत्री कोई और नहीं बल्कि केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हैं। गौरतलब हो कि जब केन्द्रीय नितिन गडकरी बिहार के रोहतास जिले में बनने जा रहे पंडुका पुल का शिलान्यास करने आए थे। तब भी मंच से तेजस्वी यादव ने नितिन गडकरी की तारीफ की थी। उस वक्त नितिन गडकरी ने तेजस्वी यादव से बिहार के लिए सड़क एवं परिवहन विकास के लिए पूरा सहयोग करने का वादा किया था। जिसका नतीजा अब देखने को मिल रहा है। तेजस्वी यादव ने नितिन गडकरी को पीटर लिखकर बिहार पांच नेशनल हाइवे का काम जल्द पूरा कराने का आग्रह किया है।
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तेजस्वी ने पत्र में की गडकरी की तारीफ
तेजस्वी यदाव ने नितिन गडकरी को लिखे अपने खत में खुलकर उनकी तारीफ की साथ ही अपनी मांगे भी रखी हैं। तेजस्वी यादव ने पाने पत्र में लिखा कि -“बिहार राज्य में आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा तेज गति से किये जा रहे कार्यों के फलस्वरूप राज्य की सड़क संरचना राष्ट्रीय स्तर के अनुरूप विकसित हो रही है. इसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से आभारी हूँ। केंद्र सरकार के तेज गति से काम के बावजूद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा बनाया जा रहे कुछ रोड का काम काफी धीमा है। इससे आम लोगों को कठिनाई हो रही है।” पत्र में उन्होंने नितिन गडकरी से आग्रह किया है कि वे अपने अधिकारियों को उन नेशनल हाइवे का काम जल्द पूरा करने का निर्देश दें।
तेजस्वी की मांग
- महेशखूँट सहरसा-मधेपुरा- पूर्णियाँ (नेशनल हाइवे- 107)- तेजस्वी यादव ने पत्र में लिखा है कि इस रोड का पेन्ड सोल्डर सहित दो लेन में विकसित करने का काम 2017 से ही दो पैकेजों में किया जा रहा है। ये सड़क कोशी क्षेत्र में पड़ने वाले तीन जिला मुख्यालयों को बिहार राज्य से होकर गुजरने वाली आसाम रोड (एन0एच0-31) से जोड़ने वाली अत्यंत महत्वपूर्ण सड़क है। लेकिन दोनों पैकेजों का काम काफी धीमा है और मौजूदा रोड का रखरखाव भी ठीक से नहीं किया जा रहा है।
- हाजीपुर मुजपफरपुर पथ (नेशनल हाइवे-77)-तेजस्वी यादव ने कहा है कि इस 63 किलोमीटर लंबे रोड को चार लेन में विकसित करने का काम चल रहा है. इस परियोजना के तहत 16.87 किलोमीटर लंबे मुजफ्फरपुर बाईपास का भी निर्माण किया जाना है। लेकिन इसमें गभग 07 किलोमीटर रोड और एक आर०ओ०बी० का निर्माण कार्य बाकी होने से मुजफ्फरपुर शहर में जाम की समस्या रहती हैं और आवागमन में काफी कठिनाई होती हैं। तेजस्वी ने कहा है कि इस परियोजना के लिए एन्युटी का भुगतान वर्ष 2016 से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है, भू-अर्जन की भी कोई समस्या नहीं है और जिला प्रशासन ने तत्परता से प्रशासनिक सहयोग उपलब्ध कराया है। इसके बावजूद निर्माण कार्य एक साल से लगभग बंद है. अगर ये काम 2025 तक पूरा नहीं होता है तो रियायत अवधि पूर्ण हो जायेगी और रियायतग्राही अपने सभी जिम्मेवारियों से मुक्त हो जायेगा। ऐसे में सारा भुगतान होने के बावजूद निर्माण कार्य अधूरा रह जायेगा।
- हाजीपुर-छपरा पथ (नेशनल हाइवे 19)-तेजस्वी यादव ने नितिन गडकरी को लिखे पत्र में कहा है कि इस रोड का निर्माण 2011 में ही शुरू किया गया था। इस परियोजना में भू-अर्जन की भी कोई समस्या नहीं है। लगभग 65 कि.मी. लंबे इस पथ में 50 कि.मी. का निर्माण कालीकरण के स्तर तक पूर्ण कर लिया गया है. लेकिन 12 साल के बाद भी 15 किलोमीटर सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। वहीं रोड का रखरखाव भी सही से नहीं हो पा रहा है। ऐसे में आवागमन में काफी कठिनाई हो रही है।
- पटना गया डोगी पथ (नेशनल हाइवे 83)-तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि इस रोड को चार लेन का बनाने का काम 2015 से ही चल रहा है। राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल गया और बोधगया को पटना से जोड़ने वाली यह महत्वपूर्ण पथ है। रोड बनाने में भू-अर्जन की कोई समस्या नहीं है। तीन खंडो में बनायी जा रही इस परियोजना का सिर्फ 60 परसेंट काम हो पाया है जबकि जनवरी 2023 तक पूरी सडक तैयार हो जानी थी। इस परियोजना के तहत बनने वाले बाईपासों में प्रस्तावित सभी 05 आर०ओ०बी० के निर्माण कार्य की गति बेहद धीमी है, जिससे परियोजना पूरा होने में अभी काफी समय लगने की संभावना है।
- वीरपुर-उदाकिशनगंज (नेशनल हाइवे-100)- तेजस्वी ने कहा है कि इस रोड को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा विश्व बैंक के सहयोग से दो लेन का बनाया जा रहा है। 100 कि.मी. लंबी सड़क में लगभग 84 कि.मी. का निर्माण कालीकरण स्तर तक किया गया है। लेकिन परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित दो आर०ओ०बी० एवं तीन बड़े पुल के निर्माण की गति बेहद धीमी है। ऐसी परिस्थिति में इस रोड का निर्माण जल्द पूरा हो पाने की संभावना बेहद कम है।