केंद्र सरकार के प्रति भले है बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के तेवर में तल्खी हो। लेकिन एक ऐसे भी केंद्रीय मंत्री हैं जिनसे तेजस्वी यादव की खुब बनती है। वो हैं केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी। उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ बिहार के सड़क एवं परिवहन मंत्री होने के नाते तेजस्वी यादव कई बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिल चुके हैं। बिहार में पंडुका पुल के शिलान्यास के समय भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने तेजस्वी यादव को ये बात कही थी कि उनके मंत्रालय से जुड़ी मांग अगर उनके पास पहुँचती है तो वो उसपर काम जरुर करेंगे। इस बात को ध्यान में रखते हुए तेजस्वी यादव ने नितिन गडकरी को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने बताया कि हाजीपुर-मुजफ्फरपुर और हाजीपुर-छपरा एनएच के 12 सालों में भी बनकर तैयार नहीं हो सका है।
तेजस्वी की मांग
तेजस्वी यादव ने नितिन गडकरी को लिखे खत में हाजीपुर-मुजफ्फरपुर और हाजीपुर-छपरा एनएच के निर्माण में हो रही देरी की बात लिखी साथ ही काम जल्द पूरा कराने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि राजधानी पटना को चारों तरफ से 4 लेन कनेक्टिविटी देने के लिए इन दोनों नेशनल हाइवे को केन्द्र सरकार ने सबसे पहले चुना था जिनका निर्माण अब भी जारी है। 4 लेन गांधी सेतु के फिर से जीर्णोद्धार होकर चालू हो जाने और जेपी दीघा सेतु के बन जाने के बाद तो इन दोनों हाइवे पर गाड़ियों का भारी दबाव है। वैसे एनएचएआई पटना को उत्तर बिहार से जोड़ने वाले इन दोनों महत्वपूर्ण को अगले साल बना देने का फिर दावा कर रहा है।
हाजीपुर-मुजफ्फरपुर हाईवे , लंबाई- 63 किलोमीटर, लागत- 672 करोड़ रुपए
हाजीपुर-मुजफ्फरपुर हाईवे में 17 किलोमीटर लंबा मुजफ्फरपुर बायपास अब तक नहीं बन पाया है। अगस्त 2010 से गैमन एजेंसी बना रही है। जमीन अधिग्रहण के कारण काम सालों तक काम लटके रहे। अभी हालत ये है कि पटना से दरभंगा या मोतिहारी-नेपाल की तरफ जाने वाली गाड़ियों को मुजफ्फरपुर शहर से गुजरने में रोज जाम का सामना करना पड़ रहा है।
शहर के लोग भी सुबह-शाम घंटों जाम से जूझ रहे हैं। हालांकि अब जमीन अधिग्रहण की समस्या नहीं है। परियोजना 90 फीसदी पूरी हो पायी है। अब बाईपास निर्माण का काम चालू हुआ है और अगले वर्ष जनवरी तक काम पूरा कर देने का लक्ष्य है। पटना हाई कोर्ट इस हाईवे निर्माण की मॉनिटरिंग कर रहा है
हाजीपुर-छपरा हाईवे, लंबाई- 67 किमी, लागत- 575 करोड़
हाजीपुर-छपरा हाईवे में आधी सड़क एक लेन ही चालू है। गंडक नदी पर पुल भी 10 सालों से बन रहा है। हालात ये है कि पटना से छपरा जाने वाली गाड़ियों ने परेशान होकर रुट बदल लिया है। पटना-शीतलपुर, आमी-डोरी गंज-छपरा एलाइनमेंट छोड़ लोग अब छपरा जाने के लिए शीतलपुर से बसंत-गरखा-छपरा या नया गांव- परसा-सोनहो होते छपरा जाने को मजबूर हैं।
इन दोनों रुट से समय भी ज्यादा लग रहा और दूरी भी ज्यादा है। जनवरी 2011 से पीपीपी मोड पर ये हाइवे मधुकॉन एजेंसी बना रही है। पर जमीन अधिग्रहण और एजेंसी को पैसे की कमी के कारण काम बंद होता रहा है। हालांकि एजेंसी को इंवेस्टर मिल जाने के कारण अब फिर से काम चालू हुआ है। परियोजना 90 फीसदी पूरी हो पायी है। अगले वर्ष जून तक इसे पूरी तरह चालू करने का लक्ष्य है।