बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान पर चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। इस मुद्दे पर राजद और जेडीयू पर के मत भी अलग-अलग है। जेडीयू काफी समय से उम्मीद लगाए बैठी है कि राजद के बड़बोले नेताओं पर राजद नेतृत्व द्वारा कार्रवाई की जाएगी। अब तक जेडीयू की उम्मीद को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी बढ़ावा देते आए हैं। कई बार उन्होंने कार्रवाई किए जाने का संकेत भी दिया है। लेकिन अभीतक ऐसा कुछ भी होता नहीं दिखा है। एक ओर जेडीयू के सब्र का बाँध डगमगा रहा है। वही दूसरी ओर अब शिक्षा मंत्री पर कार्रवाई किए जाने की बात को लेकर तेजस्वी यादव गोलमटोल जवाब दे रहे हैं।
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तेजस्वी का मूड बदला!
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि देश का सबसे पवित्र किताब है, देश संविधान से ही चलता है। संविधान में हर धर्म का सम्मान किए जाने के बारे में बताया गया है। जिसकी जैसी भावना है हम उसका सम्मान करते हैं। शिक्षा मंत्री के बयान पर कहा उन्होंने कह कि ये असली मुद्दा नहीं है, इस बात पर बहस कर के लोगों की गरीबी नहीं मिट सकती, उन्हें रोजगार ओर शिक्षा नहीं दिया जा सकता है। इसलिए मुद्दे की बात पर बहस की जानी चाहिए। वही जब जेडीयू द्वारा शिक्षा मंत्री पर कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर तेजस्वी से सवाल किया गया उन्होंने भाजपा को अपने निशाने पर ले लिया।
उन्होंने कहा कि ये सब भाजपा द्वारा फैलाया गया भ्रम है। बयानों को लेकर राजद ओर के रार होने वाली बात से उन्होंने सीधा इनकार कर दिया। साथ ही राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदानंद सिंह के मंडल और कमंडल वाले बयान से तेजस्वी यादव किनारा करते दिखे। जिस तरह तेजस्वी यादव ने बयान दिया है उससे ऐसा ही लगता है जैसे वो शिक्षा पर कार्रवाई करने के मूड में नहीं है।