वर्ष 2013 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना के गांधी मैदान में हुंकार रैली हुई थी। जिसमें सीरियल बम धमाका हुआ था। उस बम धमाके का एक आरोपी मेहर आलम पिछले 10 साल से फरार चल रहा था। जिसे अब बिहार एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। मेहर आलम दरभंगा में एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया। बता दें कि मेहर आलम को पहले भी गिरफ्तार किया गया था। लेकिन वो NIA को चकमा देकर फरार होने में कामयाब हो गया था। 10 साल से पुलिस की टीम उसकी तलाश कर रही थी। आखिरकार शनिवार की देर रात को उसे दरभंगा के सिंधौली गांव से गिरफ्तार कर लिया।
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NIA को चकमा देकर फरार हुआ था मेहर आलम
दरअसल लोकसभा 2014 के चुनाव से पहले 27 अक्टूबर 2013 को तत्कालीन प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की एक बड़ी रैली राजधानी पटना के गांधी मैदान में आयोजित की गई थी। इस रैली को हुंकार रैली का नाम दिया गया था। इस रैली के दौरान गांधी मैदान और पटना जंक्शन पर सीरियल बम बलास्ट हुए। जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और करीब 82 लोग घायल हुए। उसके बाद से बम धमाके के आरोपियों की तलाश शुरू हुई। केस NIA को सौंप दिया गया। NIA ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जिसमें से एक मेहर आलम भी था।
मेहर आलम की निशानदेहि के आधार पर NIA जगह-जगह छापेमारी कर रही थी। 29 अक्टूबर 2013 को मेहर आलम के कहने पर NIA की टीम मुजफ्फरपुर के मीरपुर में छापा मारा गई हुई थी। वहां NIA की टीम मेहर आलम को लेकर सिद्धार्थ लॉज में ठहरी थी। जहां से चकमा देकर मेहर आलम भागने में कामयाब रहा था। जिसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी। 10 साल बाद 20 मई 2023 की देर रत को बिहार एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
बाकि आरोपियों को हो चुकी है सजा
बता दें कि बम धमके के बाकि आरोपियों को सजा हो चुकी है। कोर्ट ने चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं 2 दोषियों को उम्रकैद और 2 दोषियों को 10 साल की सजा जबकि एक दोषी को 7 साल की सजा सुनाई थी। करीब 8 साल की लंबी सुनाई के बाद कोर्ट ने 2021 में आरोपियों के लिए सजा का ऐलान किया था।