बिहार राजभवन ने शिक्षा विभाग के आदेश को असंवैधानिक बताया है। इस पर आपत्ति दर्ज कराई है। राज्यपाल सचिवालय ने उच्च शिक्षा को लेकर पारित तीन पत्रों का हवाला देकर राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है। राजभवन ने इन आदेशों को असंवैधानिक और विश्वविद्यालय अधिनियम के विरुद्ध बताया है। राजभवन ने कहा है कि उक्त आदेशों से प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग राज्य के शैक्षणिक माहौल को बर्बाद करना चाहता है। राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू द्वारा यह पत्र लिखा गया है।
विशेषाधिकार का हनन है आदेश
पत्र में कहा गया है कि 25 विधान पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल 19 दिसंबर को राज्यपाल से मिलकर उक्त मामलों से संबंधित ज्ञापन सौंपा था। विधान पार्षदों ने विभाग के उक्त आदेशों पर विरोध जताया है। यह भी कहा है कि इस तरह के आदेश विशेषाधिकार का भी हनन है। राजभवन ने जिन पत्रों का हवाला दिया है, उनमें एक 21 नवंबर और दो 28 नवंबर को जारी हुए थे।
संघ बनाने पर रोक लगाना गलत
ज्ञापन में विधान पार्षद प्रो. संजय कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग के आदेश पर अखबारों में विज्ञप्ति जारी करने से उनके वेतन और पेंशन रुका है, जो संविधान के अनुच्छेद 19, 20 और 21 के प्रावधान पर मौलिक अधिकारों का हनन है। शिक्षकों और कर्मियों को संघ बनाने पर भी रोक लगाई है, जो गलत है।