बोधगया स्थित महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में देश के सभी राज्य निर्वाचन आयुक्तों का 30वां तीन दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस शुक्रवार से प्रारंभ हो गया है। बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने अपने संबोधन में पूर्व में बैलेट पेपर से होने वाले चुनाव के दौरान धांधली, बूथ लूट और अब ईवीएम से होने वाले शांतिपूर्ण चुनाव को विस्तार से जानकारी दी। इससे पूर्व इन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया।
राज्यपाल ने महाबोधी सांस्कृतिक केंद्र के सभागार में देश के विभिन्न राज्यों के उपस्थित निर्वाचन आयुक्तों व अन्य अधिकारियों को बिहार के समृद्ध विरासत की विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर राज्यपाल ने चार पुस्तकें क्रमश: पंचायत आम निर्वाचन सार संग्रह, नगर पालिका निर्वाचन सार संग्रह, निर्वाचन प्रतिवेदन, और कॉफी टेबल बुक नई पहल, नई उड़ान, कदम कदम नव सृजन का लोकार्पण किया।
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इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम आज जो भी कर रहे हैं उन्हें दुनिया अनुसरण कर रही है। आज हम लीडर हैं और अनगिनत क्षेत्रों में कुछ अलग करने को लेकर पूरी दुनिया में एक नई पहचान स्थापित कर रहे हैं। इस दिशा में राज्य निर्वाचन आयोग ने तकनीकी नवाचरों के बल पर चुनाव की सुधार की दिशा में नए अध्याय को जोड़ दिया है। उन्होंने इस मौके पर ’वन नेशन, वन इलेक्शन’ जैसी पहल की सराहना करते हुए कहा कि तकनीकिंके बल पर ही मतदाताओं के अंदर विश्वास और स्वंत्रत मताधिकार के मूल्यों को सहज रूप से स्थापित किया जा सकता है।
बता दें कि 17 मार्च तक आयोजित इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से 20 राज्य के निर्वाचन आयुक्तों ने भाग लिया है। कॉन्फ्रेंस का आयोजन राज्य निर्वाचन आयोग बिहार ने किया है। इस मौके पर बिहार के पूर्व निर्वाचन आयुक्त जियालाल आर्य, दिल्ली और चंडीगढ़ के पूर्व निर्वाचन आयुक्त संजय सिंह, हरियाणा के दिलीप सिंह, आयुक्त मगध मयंक बड़बरे, पुलिस महानिरीक्षक सत्यवीर सिंह, डीएम गया त्यागरंजन एस एम सहित कई अधिकारियों को राज्यपाल ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।