पहली बार आदिवासी समुदाय की महिला राष्ट्रपति बनने पर पश्चिमी चंपारण जिला के आदिवासियों में काफी उत्साह है। आदिवासी बहुल इलाक़ों में ग्रामीण रंग गुलाल लगा व एक दूसरे को मिठाई खिला बधाइयां दे रहे हैं। इस जीत को त्योहार की तरह सेलिब्रेट कर रहे हैं।
लोकनृत्य में झूमे आदिवासी
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वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व के सीमाई क्षेत्रों में बसे लाखों आदिवासी द्रौपदी मुर्मू के सर्वोच्च पद पर आसीन होने की खुशी में पारम्परिक लोकनृत्य व लोकगीत झूमर एवं झमटा गाते हुए केंद्र सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं। बता दें कि इन आदिवासी बहुल गांवों में बिल्कुल त्योहार जैसा नजारा है।
‘आदिवासियों के लिए गौरव’
बिहार आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र उरांव का कहना है कि पहली बार आदिवासी समाज के किसी व्यक्ति खासकर एक महिला को राष्ट्रपति बनाया जाना अपने आप में गौरव की बात है। इसके लिए सबको आदिवासी समाज के तरफ से धन्यवाद है। सुरेंद्र उरांव ने बताया कि आगामी 9 अगस्त को मनाया जाने वाला विश्व आदिवासी दिवस आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जीत के लिए समर्पित रहेगा।