बिहार की राजनीति में गठबंधन बदलाबदली वाला खेल पिछले साल सुपरहिट रहा। तो इस बार उस खेल के अगले अध्याय की पटकथा पर काम शुरू हो चुका है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही अपने उत्तराधिकारी के रूप में तेजस्वी यादव को अपना चुके हैं। लेकिन उनकी पार्टी के नेताओं महत्वकांक्षाएं नए साल में हिलोरें मारने लगी हैं। जदयू राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को राष्ट्रीय स्तर की राजनीति भा नहीं रही है। उन्होंने बिहार में कुर्सी जमाने का मूड बनाया हुआ है।
डिप्टी सीएम पद की आस
जदयू में लौटने के बाद उपेंद्र कुशवाहा के राज्यसभा जाने की चर्चा चली। लेकिन बात नहीं बनी। उन्हें बिहार विधान परिषद के सदस्य के तौर पर ही संतोष करना पड़ा। फिर बात चली कि महागठबंधन की सरकार में मंत्री बनेंगे तो वो भी नहीं हुआ। अब कुशवाहा को डिप्टी सीएम पद की आस लग गई है। वे कह भी रहे हैं कि राजनीति में भजन करने के लिए नहीं आए हैं। कुशवाहा ने कहा कि किसी को डिप्टी सीएम बनाने का फैसला लेने का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना है। नीतीश कुमार सही समय पर सही निर्णय लेंगे।
नाराज दिख रहे कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों नाराज चल रहे हैं। कभी वो साथी दल राजद के विधायकों की बातों से नाराज हो जाते हैं। तो कभी विधायकों पर कार्रवाई नहीं करने के कारण तेजस्वी यादव से। इन दिनों मीडिया पर नाराज चल रहे हैं क्योंकि यह खबर चलने लगी है कि वो भाजपा में जा सकते हैं। लेकिन असली बात ये लग रही है कि उन्हें डिप्टी सीएम नहीं बनाया गया तो नाराजगी की जद में नीतीश कुमार भी आ सकते हैं।