बिहार में दो कंपनियों में काम दिलाने के नाम पर 39.50 लाख रुपए ठगने का आरोप दो लोगों पर है। इसमें एक है अमित शुक्ला और दूसरा है तुषार आनंद। इसमें आरोप है कि दोनों ने प्रसाद एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और ग्रूग प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड में काम दिलाने के नाम विजय कुमार नामक शख्स से 39.50 लाख रुपए ठगे। बदले में कोई काम नहीं दिलाया और पैसे मांगने पर मुकर गया। इसके बाद विजय कुमार ने पूर्वी चंपारण के पहाड़पुर थाना में मामला दर्ज कराया। मामला दर्ज होने के बाद अमित शुल्का और तुषार आनंद ने एंटीसिपेटरी बेल के लिए पूर्वी चंपारण के सेशन कोर्ट में अर्जी लगाई लेकिन वहां से उनकी जमानत याचिका रद्द हो गई। विजय कुमार के वकील डॉ. नरेंद्र देव का कहना है कि बेल रिजेक्ट होने के बाद ये दोनों आरोपी अब कानून से भाग रहे हैं।
अलग अलग तरीकों से लिया पेमेंट
इस मामले में अमित शुक्ला और तुषार आनंद पर आरोप है कि दोनों ने विजय कुमार से अलग अलग तरीकों से कुल 39.50 लाख रुपए पेमेंट बतौर कमीशन लिए हैं। लेकिन इसके बदले में कोई काम नहीं दिलाया गया है। इस संबंध में डॉ. नरेंद्र देव ने बताया कि यह मामला पहाड़पुर थाना में कांड संख्या 251/2021 के रूप में दर्ज है। आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420, 406 और 506/34 के तहत मामला दर्ज है। उन्होंने बताया कि अमित कुमार शुक्ला प्रसाद एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के सटहां सुगर मिल में चीफ मैनेजर के पद पर कार्यरत था। उसने विजय कुमार को भरोसा दिलाया कि वो अपनी कंपनी और अपने रिश्तेदार तुषार आनंद की कंपनी ग्रूग प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड में काम दिलाएगा। इसके एवज में अलग अलग तरीकों से अलग अलग अमाउंट अमित शुक्ला और तुषार आनंद ने लिए, जो कुल 39.50 लाख रुपए होते हैं।
“सिविल कोर्ट में पैसे लेने की बात स्वीकारी”
वकील डॉ. नरेंद्र देव का यह भी कहना है कि सिविल कोर्ट में आरोपियों ने पैसे लेने की बात स्वीकार भी की है। हालांकि कोर्ट में उन्होंने कहा है कि पैसे वापस कर दिए। जबकि इसका कोई सबूत वे नहीं दे पाए। हमारे पास पूरे लेन देन का ब्यौरा और सबूत है। उन्होंने बताया कि आरोप इतने संगीन और साफ हैं कि सिविल कोर्ट ने दोनों की एंटीसिपेटरी बेल पीटिशन को रिजेक्ट कर दिया है। अब ये दोनों कानून से बचते हुए भाग रहे हैं।