बिहार की राजनीतिक पोस्टरवार से ट्वीटरवार पर आ गई है। साथ ही अब बिहार की राजनीति में कार्टून के बाद जानवरों की भी इंट्री हो गई है। बिहार के सत्ता पक्ष और विपक्ष में बैठे नेता ट्वीट कर कार्टून के माध्यम से एक दूसरे पर हमलावर तो है ही अब जानवरों से भी तुलना कर रहे है। बिहार के डिप्टी सीएम ने एक ओर जहां अपने पिता और राजद नेता लालू यादव को शेर कहा तो इसके जवाब में विपक्ष ने लालू यादव को गीदड़ बता दिया।
दानापुर थाने में लगी भीषण आग, पुलिस चौकी जलकर हुई खाक
शेर और बाघ का उदाहरण देकर बिहार की जनता को डराया जा रहा है
तेजस्वी के द्वारा लालू यादव को शेर कहे जाने के बाद सियासत शुरु हो गई है। लालू को शेर बताए जाने पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और बीजेपी एमएलसी जनक राम ने लालू यादव पर हमला बोला है। उन्होंने लालू प्रसाद की तुलना गीदड़ से कर दी है। जनक राम ने कहा कि जब गीदड़ की मौत आती है तो वह शहर की तरफ ही भागता है। ये लोग शेर और बाघ का उदाहरण देकर बिहार की जनता को डराना चाहते हैं। जनक राम ने आगे कहा कि महागठबंधन के नेता अब शेर की उपाधि से नवाजे जा रहे हैं। देहात में एक कहावत है कि जब गीदड़ की मौत आती है तो वह गांव छोड़कर शहर की तरफ भागता है। वहीं चीज आज देखने को मिल रही है। आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद के बेटे को भगवान सदबुद्धि दें। वह इस तरह की बात कहकर बिहार के लोगों को कबतक ठगने का काम करेंगे।
लालू-राबड़ी के शासनकाल में जनता त्राहिमाम कर रही थी
जनक राम ने लालू-राबड़ी के 15 साल के शासनकाल को याद करते हुए कहा कि उनके 15 साल के शासनकाल में जनता त्राहिमाम कर रही थी। आज भी उनके शासनकाल को याद करने के बाद बिहार के सभी समाज के लोगों की रूह कांप जाती है। उसी आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए बिहार की जनता ने एनडीए की सरकार बनाई थी। अब तेजस्वी जैसे लोग उदाहरण दे रहे हैं कि मैं शेर का बच्चा हूं.. तो क्या ये लोग बिहार की जनता को मेमना समझ रहे हैं। शेर और बकरी का उदाहरण देकर बिहार की जनता को डराने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन बिहार की जनता समय आने पर सभी चीजों का माकूल जवाब देगी।