सुहागन बनते ही दुल्हन की मांग तब उजड़ गई, जब उसकी मांग में सिंदूर भर कर मंगलसूत्र पहनाने वाले इंजीनियर दूल्हे की दिल का दिल धरकना बंद हो गया। दूल्हा-दुल्हन की शादी तो हुई, लेकिन दोनों एक-दूसरे के ना हो सके। पल भर में खुशी मातम में बदल गया। यह ह्रदय विदारक घटना बुधवार की देर शाम भागलपुर के मीरजान्हत शीतला स्थान स्थित मातेश्वरी विवाह भवन में घटी।
सिंदूरदान की रस्म भी पूरी कर ली थी
मातेश्वरी विवाह भवन में झाबुआ कोठी खंजरपुर से बारात पहुंची, जहां पूर्व से झारखंड चाईबासा के जन्मजय कुमार झा की 25 वर्षीय पुत्री आयुषी दुल्हन बनी हुई थी। जहां सारी विधि विधान के साथ दूल्हा-दुल्हन ने अग्नि के सात फेरे लिए और सिंदूरदान की रस्म पूरा हुआ। अचानक दूल्हे की तबीयत बिगड़ी और देखते ही देखते वह दम तोड़ दिया। एक पल में खुशी का माहौल मातम में बदल गया। सब कुछ थम सा गया। जहां शहनाई की धुन और शादी के गीत गाए जा रहे थे, वहां चीखने और चिल्लाने की आवाजें सुनाई देने लगी। आनन-फानन में इलाज के लिए उसे मायागंज अस्पताल ले जाया गया जहां मौजूद चिकित्सकों ने उसे जांच उपरांत मृत घोषित कर दिया।