RANCHI : भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश प्रभारी एवम पूर्व विधायक रामकुमार पाहन ने सत्ताधारी झामुमो पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि झामुमो नेता प्रवक्ता चोरी और सीनाजोरी दोनों कर रहे हैं। उन्होंने सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि हेमंत सोरेन परिवार ने राज्य में गरीब भोले भाले आदिवासियों की जमीन लूटकर अकूत संपत्ति खड़ी की है। साथ ही पूरे राज्य के खनिज संसाधनों को लूटने की छूट दे दी है। उन्होंने कहा कि ईडी के द्वारा शिकायत मिलने पर जमीन लूट की जांच चल रही है। राज्य के मुख्यमंत्री पर लूट में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं। ईडी ने उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए सम्मन किया है। ऐसे में झामुमो नेता का बयान लूट उजागर होने की बौखलाहट है।
जल्द उजागर होगा लूट का सच
रामकुमार पाहन ने कहा कि जो बातें सामने आ रही उसमे शिबू सोरेन परिवार ने नाम बदल बदल कर बड़े पैमाने पर गरीबों की जमीन लूट ली है। जो ज्ञात हुआ है उसमे कहीं शिवा सोरेन,तो कहीं बसंत प्रसाद सोरेन तो कहीं हेमंत कुमार सोरेन जैसे नाम कागजात में दर्ज कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि लूटने में मुख्यमंत्री ने वैसे लोगों का सहारा लिया जो आदिवासी समाज से नहीं आते और उनका झारखंड से कुछ भी लेना देना नहीं है। साथ ही कहा कि इतना ही नहीं जब सरकार के द्वारा आदिवासियों को लाभ देने की बात आती है उसमे भी मुख्यमंत्री जी अपने परिवार को ही लाभ में शामिल कर देते है। आदिवासियों के लिए आरक्षित जमीन को उन्होंने कल्पना सोरेन जी के नाम आवंटित कर दिया। मुख्यमंत्री अपने लूट और झूठ को छुपाने केलिए पार्टी प्रवक्ताओं से बयानबाजी करवा रहे। परंतु कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं। चोरों का बचना मुश्किल है। सच तो उजागर होकर ही रहेगा। जनता आगामी चुनाव में झामुमो और सत्ताधारी ठगबंधन को सबक सिखाएगी।
अपराधियों को धमकाने की हिम्मत नहीं
प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा कि झामुमो को धमकी ही देना है तो जरा उन अपराधियों को धमकी दें जो राज्य के उभरते होनहार आदिवासियों की हत्या कर रहे।
हिम्मत है तो उन दुष्कर्मियों को धमकी दें जिसने राज्य के हजारों आदिवासी बहन बेटियों की इज्जत लूटी। उनके टुकड़े टुकड़े कर हत्या कर दी, पेड़ में लटका दिया। झामुमो को धमकी रूपा तिर्की जैसे होनहार दरोगा के हत्यारों को देना चाहिए। संध्या टोपनो के हत्यारों को देना चाहिए। लेकिन झामुमो में इतनी हिम्मत नहीं है क्योंकि राज्य के आदिवासियों दलितों की बहन बेटियों की इज्जत से उनका कुछ भी लेना देना नहीं।