बैंक से धोखाधड़ी कर लोन लेने के आरोप में 82 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। इन लोगों ने नकली सोना का वैल्यूअर द्वारा असली सोना का सर्टिफिकेट बनाकर गोल्ड लोन लिया गया है। मामला सामने आने के बाद इनके खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
सभी के खिलाफ मामला दर्ज
मामले को लेकर बताया जा रहा है कि बैंक ऑफ इंडिया के स्थानीय शाखा में गोल्ड लोन ग्राहकों ने असली सोना का सर्टिफिकेट बनाकर गोल्ड लोन लिया था इस तरह करीब 82 ग्राहकों ने बैंक को कई करोड़ का चूना लगा दिया। इस बात की भनक जब मैनेजर को लगी तो लोन नहीं लौटने पर गिरवी रखे जेवरात की पुन कीमत जानने के लिये बैंक के दूसरे वैल्यूअर से इसकी जांच की गई। जांच में गिरवी रखे अधिकतर जेवरात काफी कम कैरेट (शुद्धता) का निकला। जिसके बाद इसको लेकर बैंक के शाखा प्रबंधक विकास कुमार ने शुक्रवार को बख्तियारपुर थाने में 82 गोल्ड लोन ग्राहकों और एक गोल्ड वैल्यूअर सुमित कुमार के विरुद्ध धोखधड़ी का लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
जांच में जुटी पुलिस
मामले को लेकर बताया जा रहा है कि बैंक ऑफ इंडिया के स्थानीय शाखा में पिछले कई महीनों से वैल्यूअर के मिलीभगत से यह खेल खेला जा रहा था। नकली सोना को वैल्यूअर द्वारा असली सोना का सर्टिफिकेट दे दिया जाता था। मामला सामने आने पर खाताधारक पर लोन चुकता कर अपना सोना ले जाने का दबाब बनाया गया। पर खाताधारक लोन चुकाने से सीधे मुकर गया। इसी तरह अन्य ग्राहकों ने भी समय पर लोन नहीं चुकाए। उन्हें बार-बार लोन चुकाने को कहा गया,पर उन लोगों ने बैंक का गोल्ड लोन नहीं चुकता किया। बताया जाता है कि वैल्यूअर ने ही लोगों को नकली सोना के जेवरात बनाकर उसे असली का सर्टिफिकेट देने का प्रलोभन दिया। और बदले में उनसे मोटी रकम वसूल की।
इसके बाद केस दर्ज होते ही पुलिस कार्रवाई करने में जुटी है मालूम हो कि, इस तरह की घटना पूर्व में बैंक ऑफ बड़ौदा के नया टोला माधोपुर शाखा में इसी वैल्यूअर सुमित कुमार ने करीब 6 करोड़ रुपये का गोल्ड लोन घोटाला का अंजाम दिया जा चुका है । अन्य बैंकों में भी इस तरह की घटना होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।