धनबाद नगर निगम की ओर से कूड़ा उठाव के लिए चलने वाले छोटे-बड़े वाहनों को अब इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में प्रयोग में लाया जाएगा। वैसे वाहन जो स्क्रैप हो चुके हैं और उनका जीवन काल पांच-दस साल तक बचा हुआ है उन वाहनों को भी इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए मुंबई की कंपनी सीरियस को जिम्मेदारी दी गयी गहै। यह कंपनी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अभी कुछ वाहनों का इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के रूप में इस्तेमाल करके उसका ट्रायल करेगी। बेहतर रिजल्ट आने पर निगम की सभी वाहनों को इलेक्ट्रिकल वाहन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इस वाहन के इस्तेमाल से 70% तक डीजल पर होने वाली रुपये की बचत होगी और प्रदूषण भी कम होगा। साथ ही गाड़ियों की उम्र भी लगभग दस वर्ष बढ़ जाएगी।
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मुंबई की कंपनी ने धनबाद आयुक्त को दिया था प्रेजेंटेशन
इस संबंध में मुंबई की कंपनी क्लीनटेक प्राइवेट लिमिटेड की प्रतिनिधि रचना स्वरूप और खुशबू पटेल ने धनबाद नगर निगम के आयुक्त सत्येंद्र कुमार से मुलाकात कर इसका प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें बताया कि स्क्रैप हो चुकी और न चलने की हालत में पुरानी गाड़ियों के इंजन की जगह रेट्रोफिटिंग के माध्यम से मोटर और अन्य ईवी उपकरण लगाए जाते हैं। यह काम मात्र साढ़े चार घंटे में ही पूरा हो जाता है। इसकी लागत भी कम आती है। इसके साथ ही गाड़ियों की उम्र भी 10 वर्ष तक बढ़ जाती है। रचना स्वरूप ने बताया कि अमूमन एक गाड़ी पर पूरे वर्ष लगभग एक लाख 80 हजार रुपये का डीजल खर्च होता है। वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर यही खर्च मात्र 18 हजार रुपये का आएगा। कर्नाटक, महाराष्ट्र में ऐसा किया जा रहा है। बिहार-झारखंड में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जल्द ही काम शुरू होगा।