JAMSHEDPUR: जमशेदपुर के परसुडीह मखदुमपुर मुंशी मोहल्ले के लोग नारकीय जीवन जीने को पूरी तरह से मजबूर है। क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से विफल होने की वजह से पूरे क्षेत्र में नाले का पानी भर जाने की वजह से सारे घर जलमग्न हो गए हैं। स्थिति इतनी विकराल है कि पूरे क्षेत्र में लोगों को बीमारी का डर सता रहा है।
जल निकासी की व्यवस्था नहीं
परसुडीह मखदुमपुर मुंशी मोहल्ला जो कि दक्षिणी कालीमाटी पंचायत के अंतर्गत आता है। विगत 10 वर्षों से क्षेत्रवासी ऐसे गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। जोकि अपने आप में जनप्रतिनिधियों के कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। पूरे क्षेत्र में नाला नाली की जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। एक ड्रेनेज सिस्टम है जो की पूरी तरह से विफल है क्योंकि पूरे परसुडीह सुंदर नगर क्षेत्र का कचरा इसी नाले से होकर बहता है। जो की पूरी तरह से जाम हो चुका है। कई बार स्थानीय लोगों ने इस संबंध में क्षेत्र के जिला परिषद पंचायत प्रतिनिधि विधायक सांसद को अवगत कराया पर स्थिति जस की तस बरकरार है।
लोग घर के बाहर रहने को मजबूर
वर्तमान समय की हम बात करें तो केवल दो बारिश ने ही अपना ऐसा रंग दिखाया कि क्षेत्र के नाले का पूरा पानी घरों में प्रवेश कर चुका है। 5 दिनों से लोग घर के बाहर रहने को मजबूर हैं। पर इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर जिला प्रशासन और रेल प्रबंधन ने मौन धारण कर लिया है और क्षेत्रवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।
नाले का पानी भर जाने की वजह से घर जलमग्न
डेंगू मलेरिया का बढ़ रहा प्रकोप
पूरे राज्य में मानसून ने दस्तक दे दी है। बारिश की बात करें तो रिकॉर्ड से कम बारिश दर्ज की जा रही है। ऐसे में मात्र दो बारिश से ही स्थिति पूरी तरह से विकराल और भयावह हो गई है। जलमग्न की वजह से घर का पूरा सामान बर्बाद हो चुका है। डेंगू मलेरिया का प्रकोप क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है। स्थानीय महिलाओं की अगर हम बात करें तो स्थिति इतनी विकराल हो गई है कि वे अपना दिनचर्या का काम भी नहीं कर पा रही है।
घर का सामान हो रहा बर्बाद
स्थानीय महिला बबीता सिंह ने बताया कि जनप्रतिनिधि आते हैं स्थिति देखते हैं फोटो खिंचवाते हैं और उल्टे पैर लौट जाते हैं। यानि कहने का मतलब है उन्हें उनके हाल पर छोड़ कर वे सभी नदारद हो जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सांसद को भी अवगत कराया गया क्योंकि पास सटे रेलवे की जमीन है और उस स्थान से ही होकर नाला गुजरता है। ऐसे में रेल प्रबंधन की भी बड़ी जिम्मेदारी होती है कि वो साफ सफाई करें। सिर्फ सांसद से आश्वासन ही मिला है। ऐसे में स्थानीय लोग अब जाएं तो जाएं कहां। एक तरफ घर का सामान बर्बाद हो रहा है। दूसरी तरफ बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और पूरे क्षेत्रवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।