प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के द्वारा गरीबों के पक्के मकान में रहने के सपने को साकार करने के उद्देश्य से जहां एक ओर प्रधानमंत्री आवास योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत सीधे लाभुकों के खाते में योजना की राशि भेजी जा रही है। ताकि ना सिर्फ सिस्टम और गरीबों के बीच से बिचौलियों का सफाया हो सके बल्कि शत-प्रतिशत योजनाओं का क्रियान्वयन भी गुणवत्ता पूर्ण तरीके से हो। लेकिन सरकार के इस योजना पर सिस्टम से जुड़े उसके ही स्वयंसेवक कुंडली मार बैठे हैं ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला चतरा जिला मुख्यालय से करीब 14 किलोमीटर दुरी पर स्थित अनुसूचित जाति-जनजाति व आदिम जनजाति बहुल सदर प्रखंड के मोकतमा पंचायत में प्रकाश में आया है। जहाँ विलुप्त प्राय अनुसूचित जाति, जनजाति परिवार के आमुकातु, मोकतमा व केड़ीमा समेत अन्य गांवों के दर्जनों लाभुकों से लाखों रुपए की ठगी की गई है।
नेसार अंसारी पर ठगी व अवैध वसूली करने का आरोप
योजना की राशि जल्द से जल्द लाभुकों के खाते में भेजने, जियो टैग व आवास का डिमांड लगाने के नाम पर लाभुकों और ग्रामीणों ने गांव के ही एक युवक नेसार अंसारी पर ठगी व अवैध वसूली करने का गंभीर आरोप लगाया है। युवक पंचायत में स्वयं सेवक के पद पर कार्यरत हैं। उसे प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा लाभुकों का ससमय जियो टैग व डिमांड लगाते हुए पंचायत क्षेत्र में शत-प्रतिशत गुणवत्तापूर्ण पीएम आवास निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। आवास योजना से संबंधित पोर्टल का यूज़र और पासवर्ड भी प्रखंड कार्यालय द्वारा उसे दिया गया था। लेकिन आरोपी स्वयंसेवक ने यूजर और पासवर्ड का गलत इस्तेमाल करते हुए पंचायत के आवास योजना से जुड़े लाभुकों से अवैध वसूली शुरू कर दी।
बीडीओ ने जांच के दिए आदेश
लाभुकों से पंद्रह सौ से 25 सौ रूपये तक खाते में जल्द से जल्द योजना राशि भेजनें व जियो टैग के नाम पर वसूले गए हैं। पैसे देने के बाद भी जब लाभुकों के खाते में योजना की राशि नहीं पहुंची तो पीड़ित लाभुकों ने मामले की शिकायत पंचायत की मुखिया पार्वती देवी से किया। जिसके बाद मुखिया ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक को स्वयंसेवक के हरकतों की जानकारी दी। जिसके बाद स्वयं सेवक द्वारा लाभुकों से अवैध वसूली की सूचना मिलते ही हरकत में आए बीडीओ ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर स्वयंसेवक पर लगे आरोपों की जांच का निर्देश दिया है। बीडीओ ने कहा है कि पीएम आवास के लाभुकों से अवैध वसूली किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि जांच कमेटी अगर आरोपों को सत्य पाती है तो संबंधित स्वयंसेवक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराया जाएगा। साथ ही सभी लाभुकों के पैसे भी लौटवाए जाएंगे।
मंत्री सत्यानंद भोक्ता का गृह क्षेत्र भी हैं।
बहरहाल स्वयंसेवक पर लगे आरोपों कि जांच के आदेश तो दे दिए गए हैं, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि आरोपों पर कार्रवाई भी होती है या फिर यह ठंडे बस्ते में ही डाल दिया जाता है। जिससे ना सिर्फ प्रधानमंत्री के अति महत्वाकांक्षी योजना पीएम आवास बल्कि गरीबों के पक्के मकान में रहने के सपनों पर भी ग्रहण लगता है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि मोकतमा पंचायत सूबे के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता का गृह क्षेत्र भी हैं। बावजूद सरकारी योजना क्रियान्वयन में पंचायत में इस कदर बिचौलियों का हावी होना अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा कर रहा हैं।