BOKARO : जंगलों में लगातार हो रहे पेड़ो की कटाई से जंगली जानवरों में आफत आ गई है,और इस आफत का अंजाम जंगलों की तराई में रहनेवाले ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है। आपको बता दें कि बोकारो जिला के बेरमो,नावाडीह एवं गोमिया प्रखंड क्षेत्र के कई इलाकों में हाथियों का आतंक लगातार जारी है। ये जंगली हाथी कभी किसी के घर को गिरा देते हैं तो कभी खेतों में लगे फसलों को रौंद डालते हैं। ये जंगली हाथी जैसे मानो कहने आते हैं कि तुम हमारा घर उजाड़ रहे हो, हम तुम्हारे घर को उजाड़ेंगे। वहीं ग्रामीणों को क्षेत्र हमेशा इन जंगली हाथियों से जानमाल का भय बना ही रहता है।
ग्रामीणों की माने तो अभी वर्तमान में लगभग 20 से 30 हाथियों का झुंड क्षेत्र में विचरण कर रहा है। ऐसी स्थिति में दिन तो किसी तरह कट जाता है, लेकिन रात होने पर ग्रामीण रतजगा करने पर विवश हो जाते हैं। वन विभाग के द्वारा इन जंगली हाथियों से निपटने के लिए कोई ठोस पहल नहीं किया गया है।
जंगलों से पेड़ों के लगातार कटाई इसका मुख्य कारण है
कभी सड़क बनाने के नाम पर, तो कभी मकान बनाने के नाम पर जंगलों से पेड़ों की कटाई की जाती रही है। कहीं कहीं तो जलावन के लिए भी पेड़ो की कटाई किया जाता है। वहीं लकड़ी माफिया अपने फायदे के लिए लगातार चोरी छिपे पेड़ो की कटाई करते रहते हैं। अभी भी कई क्षेत्रों में माफियाओं के द्वारा अवैध रूप से आरा मशीन लगाया गया है, जिसपर लगातार लकड़ियों की कटाई और छिलाई का कार्य किया जाता है। अब भला बताइए जब जंगलों में पेड़ ही नही रहेंगे तो जंगली जानवर ग्रामीण और शहरी इलाकों में कूच करेंगे ही।