स्टील मैन ऑफ़ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध पद्मश्री डॉ जे. जे. ईरानी ने दुनिया को अलविदा कह दिया, सोमवार को रात करीब 10 बजे जमशेदपुर के टाटा मुख्य अस्पताल मे उन्होंने आख़री सांसे ली। उनके निधन पर कॉरपोरेट जगत मे शोक की लहर दौड़ गई। डॉ ईरानी 86 वर्ष के थे। मंगलवार को उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार बिस्टुपुर स्थित पार्वती घाट मे किया जायेगा। इससे पूर्व उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास मे तमाम बड़े हस्तियों की भीड़ लगी रही।
एक दूरदर्शी लीडर के रूप में याद किया जाएगा
स्वर्गीय ईरानी अपने पीछे उनकी पत्नी और तीन बच्चों का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैँ। आर्थिक उदारीकरण के दौर में भारत का नेतृत्व किया उन्हें एक दूरदर्शी लीडर के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में भारत के आर्थिक उदारीकरण के दौरान टाटा स्टील का नेतृत्व किया और भारत में इस्पात उद्योग के उन्नति और विकास में अत्यधिक योगदान दिया।
ये भी पढे़ं: Dhanbad: किशोर की मौत के बाद सन्देह के घेरे में दिव्यांगों की संस्था जीवन, प्रशासन कार्रवाई के बजाए बना है मूकदर्शक
भारत में गुणवत्ता आंदोलन के पहले लीडर थे डॉ ईरानी
डॉ ईरानी भारत में गुणवत्ता आंदोलन के पहले लीडर थे। उन्होंने टाटा स्टील को गुणवत्ता और ग्राहकों की संतुष्टि पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ दुनिया में सबसे कम लागत वाला स्टील उत्पादक बनने में सक्षम बनाया, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सके। प्रसिद्ध मैल्कम बाल्ड्रिज परफॉर्मेंस एक्सीलेंस मानदंड से अपनाए गए कैलिब्रेटेड दृष्टिकोण के माध्यम से शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए 2003 में टाटा एजुकेशन एक्सीलेंस प्रोग्राम शुरू करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उनके अंतिम यात्रा मे राज्य के मंत्री बन्ना गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं टाटा स्टील के एम।डी टि।वी नरेन्द्रन भी मौजूद रहे।