Sita Soren Joins BJP झारखंड से जामा विधायक सीता सोरेन मंगलवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने न सिर्फ पार्टी का महासचिव पद छोड़ा है बल्कि विधानसभा की सदस्यता से भी त्याग पत्र दे दिया है.इसके कुछ ही देर बाद दिल्ली में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली. प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस दौरान उनके साथ संजय मयूख समेत अन्य नेता शामिल थे. सीता सोरेने लंबे समय से झामुमो से नाराज चल रहीं थीं. हालिया चंपाई सोरेन मंत्रीमंडल में भी उन्हें जगह नहीं मिली थी. जिसका उन्होंने मुखर होकर विरोध जताया था. बीजेपी ने सीता सोरेन के झामुमो छोड़ने के फैसले पर कहा कि सीता अब लंका से मुक्त हो गई है.
सीता के इस्तीफे को झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. शिबू सोरेन के बाद दुर्गा सोरेन ही उनके स्वाभाविक उत्तराधिकारी माने जा रहे थे, लेकिन उनके आकस्मिक निधन के बाद हेमंत सोरेन पिता की विरासत संभालने आगे आए थे. सीता सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय महासचिव थीं और संथाल परगना के जामा क्षेत्र से विधायक चुनी गई थीं.
सीता सोरेन के इस्तीफे पर जेएमएम सांसद महुआ माजी ने कहा कि हमारी पार्टी एक परिवार की तरह है. सब लोग एक दूसरे से मिल जुलकर काम करते हैं. हम लोगों के लिए ये शॉकिंग खबर है. हम लोग चाहेंगे कि इस पुनर्विचार किया जाए ताकि इस पार्टी को जो सम्मान है वो बरकरार रहे.
कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि सीता सोरेन का पार्टी से इस्तीफा देना उनका अपना निजी और पारिवारिक मामला है झारखंड मुक्ति मोर्चा उनके दिल में बसी हुई है और झारखंडी जन भावनाओं के साथ अपने परिवार के साथ लगातार जुड़ी हुई है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा जामा विधायक सीता सोरेन के विधायक की पद से इस्तीफा एवं पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद झारखंड की विपक्षी पार्टी भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि यदि संक्षेप में कहा जाए तो सीता लंका से मुक्त हो गई. झारखंड के अस्मिता एवं संस्कृती में बड़ी बहू मां के समान होती है और उनके पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन झारखंड आंदोलन में अग्रणीय भूमिका निभाए हुए हैं और उनकी पत्नी के साथ इस प्रकार का व्यवहार उनके आंतरिक कुठाराघात को दर्शाता है