RANCHI : रांची के स्कूलों में नामांकन की प्रक्रिया अभी शुरू भी नहीं हुई है और नामांकन फॉर्म शुल्क ने लोगों की जेब ढीली करने का भविष्य दिखा दिया है। अभिभावकों को नामांकन कराने से पूर्व सिर्फ फॉर्म भरने में 500 से 7500 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। अब तक नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है और बच्चों के अभिभावकों के पसीने छूट रहे हैं अच्छे स्कूलों में नामांकन की होड़ मची है। अभिभावक नर्सरी व केजी में अपने बच्चे का नामांकन कराने के लिए तीन चार स्कूलों का फॉर्म भर रहे हैं, जिससे उनकी जेबें ढ़ीली हो रही हैं। नर्सरी में नामांकन के लिए तय सीटों के सापेक्ष में आवेदनों की संख्या दस गुना पार हैं।
अधिकांश स्कूलों में नर्सरी कक्षा के लिए 30 से 50 सीटें तय की गईं हैं और इसके लिए आवेदन 500 से अधिक प्राप्त हो रहे हैं। वहीं आवेदन फॉर्म की कीमत की बात करें तो आमतौर पर 500 से 2000 रुपये और कहीं -कहीं तो 2500 रुपये तक है। अभिभावक तीन स्कूलों के ही फॉर्म भर रहे हैं तो 1500 से 7500 रुपये तक खर्च हो रहे हैं। एक साथ तीन से चार स्कूलों में आवेदन कर रहे हैं। ऊपर से स्कूलों के रुल रेगुलेशन तो उनके होश फाख्ता करने को काफी हैं। एडमिशन फॉर्म ऑनलाइन और ऑफलाइन मिल रहे हैं।
कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर माह के प्रथम सप्ताह से आवेदन प्राप्त किया जाएगा, लेकिन अभी से ही नोटिफिकेशन को नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जा रहा है राज्य के निजी स्कूलों में एडमिशन फॉर्म को लेकर अभिभावकों की परेशानी बढ़ रही है। बढ़ रही कीमत से उनकी जेबें ढीली हो रही हैं। दो वर्षों में 20 से 30 प्रतिशत तक फॉर्म की कीमत बढ़ी है। झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों ने सरकार से फॉर्म व एडमिशन शुल्क की दर तय करने की मांग की है।
स्कूलों में फार्म की कीमत
- सुरेंद्रनाथ सेंटेनरी स्कूल : 1500 रुपये
- डीएवी पब्लिक स्कूल बरियातू : 1500 रुपये
- डीएवी पब्लिक स्कूल हेहल : 1500 रुपये
- डीएवी पब्लिक स्कूल कपिलदेव : 1000 रुपये
- ब्रिजफोर्ड पब्लिक स्कूल : 1200 रुपये
- सरस्वती शिशु विद्या मंदिर : 1000 रुपये
- शारदा ग्लोबल स्कूल: 1000
- जेके इंटरनेशनल स्कूल : 1000 रुपये
- जीएंडएच स्कूल : 500 रुपये
- आक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल : 2000 रुपये
अभिभावकों के बीच नामांकन की रेस शुरू
शहर के स्कूलों में नामांकन फॉर्म जमा करने से लेकर नामांकन लेने तक अभिभावक परेशान रहते हैं। कभी डॉक्यूमेंट जमा करने तो कभी शुल्क की रसीद को लेकर उन्हें स्कूल जाना पड़ता है। अंतिम समय आते-आते पता चलता है कि सीटें फुल हो चुकी हैं, अब एडमिशन बंद हो चुका है। इसके बाद अभिभावकों के बीच आनन-फानन की स्थिति बन जाती है। एडमिशन को लेकर अभिभावकों में रेस शुरु हो चुकी है। कई स्कूलों में प्रवेश परीक्षा के आधार पर तो कहीं फर्स्ट टर्म परीक्षा में मिले मार्क्स के आधार पर एडमिशन हो रहा है। बढ़ती महंगाई के बीच नामांकन फॉर्म ने अभिभावकों की परेशानी और बढ़ा दी है। शहर के स्कूलों में नामांकन फॉर्म की कीमत दो वर्षों में 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ी है। अभिभावकों को नामांकन कराने से पूर्व सिर्फ फॉर्म भरने में 1500 से 7500 रुपये खर्चने पड़ रहे हैं। एडमिशन कराने के लिए अभिभावक मजबूरन इसका विरोध भी नहीं कर पाते हैं।