RANCHI: पारस हेल्थकेयर रांची के न्यूरोलॉजी विभाग में डिस्टोनिया/पार्किंसन के मरीज़ों का सफल इलाज किया जाता रहा है। इलाज के बाद मरीज़ों में बेहतर सुधार पाया गया है। इसे देखते हुए पारस हेल्थकेयर ने ख़ासतौर से डिस्टोनिया / पार्किंसन के मरीजों के लिए मूवमेंट डिसऑर्डर क्लिनिक खोलने का निर्णय लिया है। पारस हेल्थकेयर ने देश के लोगों के लाभ के लिए सबस्पेशलिटी क्लिनिक शुरू करने का निर्णय लिया है। आगामी मंगलवार से पारस हेल्थकेयर के परिसर में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ संजीव कुमार शर्मा की देखरेख में मूवमेंट डिसऑर्डर क्लिनिक शुरू हो जाएगा।
पारस हेल्थकेयर के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ संजीव शर्मा कहते हैं कि मूवमेंट डिसऑर्डर्स ख़ासकर दो तरह के होते हैं। हाइपोकाईनेसिया- इसमें मरीज़ अपनी इच्छा के अनुसार अपने हाथ या पैर को गति नहीं दे पाता है। इस बीमारी के मरीज़ों में सबसे ज़्यादा पार्किंसंस के मरीज़ मिलते हैं। पार्किंसंस एक धीमी गति से बढ़ने वाला रोग है जिसमें कंपकंपी, धीमी गति और चलने में कठिनाई होती है। वहीं हाईपरकाईनेसिया में मरीज़ का शरीर अत्यधिक गतिशील हो जाता है, मरीज़ का हाथ, पैर या शरीर का अन्य भाग अपने आप तेज़ी से कांपने लगता है। इसके परिणामस्वरूप कंपकंपी या ऐंठन जैसी अनैच्छिक गतिविधियों में वृद्धि होती है, वहीं इसके कुछ मरीज़ों में कठोरता और शारीरिक असंतुलन भी देखने को मिलता है।
डॉ संजीव ने बताया कि प्रत्येक व्यक्तिगत मूवमेंट डिसऑर्डर्स के लिए एक विशिष्ट रूप से तैयार उपचार और प्रबंधन की आवश्यकता होती है। फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश ने बताया कि मूवमेंट डिसऑर्डर क्लिनिक में इस तरह के मरीज़ों को सर्वोत्तम एवं उच्च दर्जे के इलाज की सुविधा दी जाएगी।