बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद से सियासत गरमाई हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपनी सरकार की पीठ थपथपा रहे हैं। वहीं जिसकी जितनी भागीदारी उसकी इतनी हिस्सेदारी की मांग भी जोर पकड़ रही है। जिसके बाद अलग-अलग तरह की मांग भी हो रही है। कोई मुस्लिम मुख्यमंत्री की मांग कर रहे कोई चार उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहा है। इनसब के बीच एनडीए के साथी ‘हम’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष मांझी ने भी बड़ी मांग की है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए।
तेजस्वी को CM बनाने की मांग
जिसकी जितनी संख्या भारी, उसको उतनी मिले हिस्सेदारी की मांग पर ‘हम’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष मांझी ने भी बड़ी मांग कर दी है। उन्होंने कहा कि जिसकी ज्यादा संख्या होगी उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात है तो यह हर जगह लागू होना चाहिए। आंकड़ों के अनुसार तो नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए, तभी हम मानेंगे कि इसके पीछे नीतीश कुमार की मंशा अच्छी है।
“जातीय गणना के आंकड़ों में कई त्रुटियां”
‘हम’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष मांझी ने जातीय गणना की रिपोर्ट पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जातीय गणना के आंकड़ों में कई त्रुटियां हैं। 60–70% प्रतिशत के पास गणक नहीं पहुंचे हैं। कुछ तो ऐसी बातें हुई हैं, जिससे किसी जाति विशेष को आगे बढ़ाया गया है अगर डोर टू डोर सर्वे होता तो आंकड़ा सही आता। एक जगह पर बैठकर सर्वे को कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सोशल इंजीनियरिंग में बहुत माहिर हैं। किसी को एससी, एसटी बना देते हैं और फिर वोट लेने के बाद छोड़ देते हैं। वो ये काम शुरू से कर रहे हैं। दलित को महादलित बनाए हैं। जनता सब जानती है अब बिहार में इनकी चलने वाली नहीं है।