बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक दिन पहले बेंगलुरु में थे। वहां विपक्ष के दलों की बैठक में शामिल हुए। उसके बाद अचानक वे पटना लौट आए। उस प्रेस कांफ्रेंस का भी हिस्सा नहीं बने जो बैठक के तुरंत बाद हुई। नीतीश के ऐसे लौटने पर कई तरह की बातें उठने लगीं। इसमें नीतीश कुमार के नाराज होने की भी बात हो रही है। लगभग 24 घंटे इस मामले पर पूरी तरह खामोश रहने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को एक कारण बताया है। उन्होंने बताया कि आखिर ऐसी क्या हड़बड़ी थी, जिसके कारण सीएम नीतीश कुमार पटना वापस लौटना चाहते थे। हालांकि नीतीश कुमार ने यह भी बताया कि जो उन्होंने सोचा था, वह पूरा नहीं हुआ।
मलमास मेले के लिए राजगीर आना था
नीतीश कुमार ने बताया कि मलमास मेले की शुरुआत बुधवार, 19 अप्रैल से हो रही है। वैसे तो मलमास की शुरुआत 18 जुलाई से हो गई है। लेकिन बिहार सरकार ने एक दिन बाद 19 जुलाई को मेले की शुरुआत की। इसका उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार ने किया। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि उन्हें तो राजगीर आने की जल्दी थी, इसलिए वे बैठक के तुरंत बाद पटना आ गए। उन्होंने बताया कि मंगलवार की रात में ही उन्हें राजगीर आना था। लेकिन आ नहीं सके।
हेलिकॉप्टर आने में लेट हुआ
सीएम नीतीश ने बताया कि सड़क मार्ग से उनके आने में आम लोगों को दिक्कत होती है। जाम हो जाता है। इसलिए वे हेलिकॉप्टर से आना चाहते थे। उम्मीद थी कि हेलिकॉप्टर मंगलवार को ही शाम में आ जाएगा। लेकिन नहीं आया। हेलिकॉप्टर बुधवार को आया, इसलिए वे भी राजगीर बुधवार को पहुंचे। उन्होंने कहा कि विपक्ष की बैठक से कोई नाराज नहीं है। सब काम हो रहा है। 2024 में बढ़िया रहेगा सब।
भाजपा का उड़ाया मजाक
नीतीश कुमार ने भाजपा और एनडीए की बैठक का मजाक उड़ाते हुए कहा कि 1999 में एनडीए की बैठक हुआ करती थी, जब अटल जी पीएम थे। अभी की भाजपा एनडीए की बैठक तब कर रही है, जब हमलोग इकट्ठा हुए हैं। उस बैठक का कोई मतलब नहीं हैं। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की ओर इशारा करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि उसमें शामिल कछ लोगों को तो हम भी हटाए अपने यहां से। नहीं तो यहां की बात वहां करता।