बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रिश्ते अब भाजपा से अच्छे नहीं है। लेकिन समय-समय पर उन्हें पुराने दिनों की याद सताती रहती है। भाजपा से अपने पुराने मधुर संबंध को वो भूल नहीं पा रहे हैं। खास कर तब के रिश्ते जब वो अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मंत्री हुआ करते थे। आज एक बार फिर से उन्होंने पुराने दिनों की याद दिलाते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को इस्तीफा दिया था।
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“अटल बिहारी बाजपेयी जी के समय मिलजुल कर काम होता था“
आज मीडियाकर्मियों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज भाजपा के लोग कुछ भी बोलते रहते हैं। अटल बिहारी बाजपेयी जी के समय सबका सम्मान होता है। आज भाजपा कोई कुछ भी बोलने से पहले पता होना चाहिए कि मैं अटल बिहारी बाजपेयी जी साथ काम कर चुका हूँ। उनसे मेरे काफी मधुर संबंध थे। उनके कार्यकाल में कभी भी हिंदू-मुस्लिम की बात नहीं होती थी। सभी लोग मिलजुल कर काम करते थे। विपक्ष के लोग भी खुश रहते थे।
“रेल हादसे के बाद दिया इस्तीफा”
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि मैं जब रेलमंत्री था तब पश्चिम बंगाल में बड़ा रेल हादसा हुआ था। उसके बाद मैं अपना इस्तीफा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी को सौंपने गया। उन्होंने मेरा इस्तीफा स्वीकार करने से मना कर दिया लेकिन जब दूसरा बार जाकर हाथ जोड़कर बोले कि इस्तीफा ले लीजिए तब जाकर वे तैयार हुए थे। रेल हादसा में 100 से अधिक लोग मर गए थे। जिसे देखकर मुझे बहुत बुरा लगा था और इसलिए मैंने इस्तीफा दिया था। लेकिन फिर जब मुझे रेलमंत्री बनाया गया तो रेलवे में बड़ा बदलाव आया। उसी का नतीजा है कि रेल दुर्घटनाओं में कमी आई है। हमलोगों ने जो काम किया है उसे कोई याद नहीं कर रहा है। अब भाजपा वाले कहते हैं कि सब उन्होंने ही किया है।