बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक पूर्व सांसद आनंद मोहन के घर पहुंचे। सहरसा जिले के पंचगछिया में आनंद मोहन का पैतृक गांव है जहाँ नीतीश कुमार पहुंचे। वहां सीएम नीतीश ने भगवती प्रांगण में आनंद मोहन के दादा व स्वतंत्रता सेनानी स्व. रामबहादुर सिंह और उनके बड़े बेटे स्वतंत्रता सेनानी स्व. पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी की प्रतिमा का अनावरण किया। यहाँ एक लंबे अरसे के बाद नीतीश कुमार और आनंद मोहन एक मंच पर दिखे। मंच से संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने आनंद मोहन से अपनी दोस्ती का भी जिक्र किया।
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आनंद मोहन ने लगवाए नीतीश बाबू जिंदाबाद के नारे
कार्यक्रम में भाषण की शुरुआत आनंद मोहन ने की। उन्होंने सबसे पहले नीतीश बाबू और ललन सिंह जिंदाबाद का नारा लगवाया। इसके बाद उन्होंने कहा कि मेरी रिहाई के लिए जनता ने पूजा, आंदोलन, धरना दिया.. मुख्यमंत्री ने आपके भाई आनंद मोहन को कानून में तब्दीली कर आपके सामने खड़ा कर दिया। जिसने आपके भाई के लिए कानून में तब्दीली कर आपके सिपाही आपके भाई को निकाला, आप उसके साथ खड़ा रहिएगा। आज आपके बीच खड़ा हूं तो मुझे कहने में कोई गुरेज नहीं है कि मैं मुख्यमंत्री जी के कारण खड़ा हूं।
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नीतीश से दोस्ती का किया जिक्र
नीतीश कुमार ने कहा कि “आनंद मोहन जी के कहने पर यहां आया हूं। पहले हमारी दोस्ती कैसी थी आपको मालूम है। उन्होंने कहा कि आपको कोई दिक्कत नहीं है हम तो समर्थक हैं आपके..आपको जो इच्छा है कीजिए। आपको जो भी राजनीति करनी है कीजिए। हमारा रिश्ता तो दूसरा है हम उसे निभाएंगे।सभी को एकजुट कीजिए।”
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