बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है, डॉक्टर और नर्स की लापरवाही तो सामने आती ही रहती है, दवाईयां और यूरिन बैग भी गायब हो गए है। इसके लिए तेजस्वी यादव लगातार निरीक्षण करते रहते है। इसके बावजूद भी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बदहाल है। इसका ताजा मामला जमुई से आया है। जहां के सदर अस्पताल में मरीज को यूरिन बैग की जगह कोल्ड ड्रिंक की बोतल लगाई गई। हालांकि यह पहली बार नहीं है पहले भी इमरजेंसी के स्टॉक से कई जीवन रक्षक दवाइयां गायब रही हैं। इसके बावजूद भी इसपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
पूरी रात तड़पता रहा मरीज
बताया जा रहा है कि झाझा रेल पुलिस के द्वारा बेहोशी अवस्था में एक यात्री को सदर अस्पताल में लाया गया। जिसे यूरो बैग लगाने और कंवर्सन कंट्रोल करने के लिए इप्सोलिन इंजेक्शन के साथ गैस की सुई देने के लिए चिकित्सक ने स्वास्थ्य कर्मियों को कहा, लेकिन यह सब दवाइयां इमरजेंसी के स्टाक में नहीं मिली। जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मी ने यूरिन बैग की जगह कोल्ड ड्रिंक की बोतल लगा दी, और इप्सोलिन इंजेक्शन और गैस की सुई भी नहीं दी। जिससे पूरी रात मरीज तड़पता रहा। अस्पताल प्रबंधन को जब पता चला इसके बाद अस्पताल में जरुरी चीजें उपलब्ध करवाया गया।
वहीं इस मामले में अस्पताल प्रबंधक रमेश पांडेय ने बताया कि यूरिन बैग नहीं थी और जो इंचार्ज हैं उन्हें फिजिकल प्रॉब्लम है। जिसके कारण ऐसा हुआ है। आगे उन्होंने कहा कि हमें जब इस बात की जानकारी हुई तब हमने तुरंत दवा और जरुरी चीजों की व्यवस्था कराई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यूरिन बैग की जगह बोतल लगाना सही नहीं है, इसकी जांच की जा रही है और दोषी पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
बताया जा रहा है कि इससे पूर्व भी इमरजेंसी का हाल इसी तरह रहा है कभी टेटवेट, कभी एनएस और आरएल सलाइन तो कभी सांप की सुई सहित विभिन्न दवाइयां स्टाक में नहीं रहती है जिसकी वजह से मरीजों को सारी दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ती है।