पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा शनिवार, 09 नवम्बर को अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उनका निवारण किया गया।डीएम डॉ. सिंह द्वारा 9 दिसम्बर को लोक शिकायत के कुल 11 मामलों की सुनवाई की गई।वहीँ शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में दो अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी माँगा गया। दरअसल मनेर प्रखंड के छिहत्तर गाँव की अपीलार्थी राधिका देवी एवं मुन्नी देवी ने जिलाधिकारी के समक्ष प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की राशि में घालमेल की शिकायत को लेकर अपील दायर किया गया था। राशि पात्र लाभुकों के खाते में न भेजकर किसी अन्य के खाते में भुगतान कर दिया गया था।यह घटना जून, 2020 की है। इसके बाद पीड़ितों द्वारा अप्रैल, 2023 में दानापुर के अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय में केस किया गया। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि उक्त मामले में जिम्मेदार पदाधिकारियों द्वारा कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मनेर बीडीओ एवं पटना डीडीसी द्वारा इस मामले में शिकायत के निवारण हेतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। बिना किसी गलती के इन्हें जनहित के लाभ से वंचित रखा गया है। उक्त सुनवाई में फिलहाल दोषी व्यक्तियों को केवल चिन्हित किया गया है तथा उनके विभागों से अभी कोई पत्राचार( पूछताछ) नहीं किया गया। जिलाधिकारी द्वारा गंभीर खेद व्यक्त करते हुए बीडीओ, मनेर से स्पष्टीकरण किया गया यदि उनका जबाब संतोषजनक नहीं होगा तो उनके विरूद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित करने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही दोषी तत्कालीन बीडीओ के विरूद्ध प्रपत्र ‘क’गठित नहीं करने के कारण डीडीसी से सो कॉज करते हुए उन्हें निदेशित किया गया कि सुनवाई की अगली तिथि दिनांक 30 दिसम्बर, 2023 से पूर्व पात्र परिवादियों को योजना की राशि का नियमानुसार भुगतान हर हाल में सुनिश्चित करते हुए प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बरते जाने पर दोषी पदाधिकारियों के वेतन से नियमानुसा वसूली की जाएगी, उप विकास आयुक्त को यह भी निदेश दिया गया कि गलत खाता में भुगतान के ऐसे सभी मामलों की समीक्षा कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट प्रतिवेदन के साथ सुनवाई की अगली तिथि को उपस्थित रहने का भी दिया।डीएम ने कहा कि यह लोक प्राधिकार की स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।