झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव रविवार को केंद्रीय कारागार होटवार जेल से बाहर निकले। चिरुडीह हत्याकांड में आरोपी रहे योगेंद्र साव को सैंकड़ो कार्यकर्ता जेल के बाहर ढोल बजाकर और पठाखे फोड़कर स्वागत किया। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी व पूर्व विधायक निर्मला देवी को अदालत ने दोषी करार दिया था, जबकि पुत्र अंकित कुमार को अदालत ने बरी कर दिया था।
पुलिस के साथ हो गई थी हिंसक झड़प
उल्लेखनीय है कि हज़ारीबाग़ जिले के बड़कागढ़ के चिरूडीह के खनन क्षेत्र में एनटीपीसी को जमीन दी गई गई थी। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व तत्कालीन विधायक निर्मला देवी अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे। 15 सितंबर, 2016 को निर्मला देवी समर्थकों के साथ कफन सत्याग्रह पर बैठ गई। यह सत्याग्रह 30 सितंबर तक जारी रहा। 1 अक्टूबर की सुबह छह बजे एएसपी कुलदीप कुमार, सीओ शैलेश कुमार सिंह अन्य पुलिस अधिकारी व जवानों के साथ मौके पर पहुंचे। सत्याग्रह कर रहे लोगों को विरोध समाप्त करने की अपील की, नहीं मानने पर पुलिस बल ने विधायक निर्मला देवी को हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस के साथ हिंसक झड़प हो गई। भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला कर विधायक को छुड़ा लिया था।
मुझे इस मामले में फंसाया गया
होटवार जेल से बाहर निकले पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने कहा की पूरी तरह से मैं निर्दोष हूं, मुझे इस मामले में फंसाया गया। मैं कोई हत्या अपहरण लूट नहीं किया मैं जनता की लड़ाई लड़ करके ही मैं जेल गया हूं और आगे भी लड़ाई लड़ता रहूंगा। जनता के लिए हक हुकूक जल जंगल जमीन की लड़ाई मेरी जारी रहेगी। मेरी पत्नी जल्दी जेल से रिहा होगी . मैं अपनी बेटी को संघर्ष करने के लिए सिखाया और आज वह बड़कागांव की विधायक है मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने इस मामले को लेकर सदन में उठाया।
हमारे परिवार को फंसाया गया
योगेंद्र साव की बेटी और बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि हमारे परिवार को फंसाया गया और हमारे पापा बड़कागांव की जनता के लिए सब कुछ किया है आज उन्हीं की बदौलत है कि वह बेगुनाह साबित हुए और जेल से बाहर आए।
कांग्रेसी विधायक अनूप सिंह ने कहा के मैं प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष के प्रतिनिधि के नाते होटवार जेल में इनको लेने के लिए आया हूं मेरा परिवार इनके साथ रहा है और आगे भी इनके साथ रहेगा।